नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने सुरक्षा कारणों की वजह से पाकिस्तान में पंजीकृत एयरलाइंस से अपने सभी कर्मचारियों से कहा कि वे सफर न करें। वैश्विक संस्था ने यह कदम तब उठाया है जब कुछ महीने पहले ही पाकिस्तानी एयरलाइंस में पायलटों के फर्जी लाइसेंस की खबर सामने आई थी। इसी के मद्देनजर यूएन ने यह चेतावनी जारी की है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली (यूएनएसएमएस) के तरफ से जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है ‘सिविल एविएशन अथॉरिटी’ (सीएए) पाकिस्तान की फर्जी लाइसेंस को लेकर जारी जांच के चलते, पाकिस्तान में पंजीकृत एयर ऑपरेटरों के इस्तेमाल के लिए चेतावनी दी जा रही है।
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बता दें कि पाकिस्तानी विमानन सेवा पिछले साल कराची में हुए विमान हादसे के बाद से विवादों में है। खुद देश के मंत्री ने यह दावा किया था कि देश में बड़ी संख्या में पायलटों के पास लाइसेंस फर्जी हैं। केवल इतना ही नहीं संसद में भी माना गया था कि तस्करी जैसे अपराधों में एयरलाइन स्टाफ पकड़ा जाता रहा है।
यूएन के तरफ से जारी दिशा-निर्देश पाकिस्तान की सभी एयरलाइंस को लेकर जारी किए गए हैं। यह निर्देश यूएन की सभी एजेंसियों- यूएन डेवेलपमेंट प्रोग्राम, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूएन शरणार्थी उच्चायोग, खाद्य एवं कृषि संगठन, यूएन शिक्षा, विज्ञान और सांस्कृतिक संगठन आदि सभी पर लागू होंगे।
इस कदम के तहत पाकिस्तान में काम करने वाले संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी पाकिस्तान के अंदर भी किसी भी पाकिस्तानी पंजीकृत एयरलाइन द्वारा यात्रा नहीं कर सकते हैं। यूएन के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि एयर ऑपरेटर की जानकारी एक नई स्वचालित प्रणाली का परिणाम है, जो संशोधित वैश्विक हवाई यात्रा सुरक्षा नीति से जुड़ी है।
40 प्रतिशत पायलट हैं फर्जी
पिछले साल मई में कराची हवाई अड्डे के पास एक रिहायशी इलाके में विमान हादसे के बाद पाकिस्तानी एयरलाइंस में फर्जीवाड़े और लापरवाही के कई मामले सामने आए थे। इतना ही नहीं कुछ समय पहले देश के उड्डयन मंत्री सरवर खान ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) के करीब 40 प्रतिशत पायलट फर्जी होते हैं। इमरान खान की पार्टी के प्रवक्ता ने कहा था कि यह सबको पता है कि पीआईए स्टाफ कई तरह की तस्करी में पकड़ा जाता रहा है।