मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सज्जाद नोमानी भी तालिबान के समर्थन में उतर आए हैं। बुधवार को उन्होंने बयान जारी कर अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को जायज बताया। उन्होंने कहा कि तालिबान ने पूरी दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं को धूल चटाई है। इन नौजवानों ने काबुल की जमीन को चूमा है। आगे कहा कि हिंदुस्तान का मुसलमान, तालिबान को सलाम करता है। उन्होंने तालिबान की जीत के लिए अल्लाह को शुक्रिया कहा।
नोमानी ने कहा कि पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे एक निहत्थी कौम ने दुनिया की सबसे मजबूत फौजों का मुकाबला किया और काबुल के महल में वे दाखिल हुए। उनमें किसी भी तरह का घमंड नहीं था, बड़े बोल नहीं थे। एक बार फिर यह तारीख रकम हुई है।
मौलाना सज्जाद नोमानी ने कहा, ’15 अगस्त 2021 की तारीख इतिहास बन गई। अफगानिस्तान की सरजमीं पर एक निहत्थी और गरीब कौम, जिसके पास न साइंस, न टेक्नोलॉजी, न दौलत, न हथियार और न तादाद थी, उसने पूरी दुनिया की सबसे ज्यादा मजबूत फौजों की शिकस्त दी और काबुल के सरकारी महल में वो दाखिल हुए।’
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‘उनके दाखिले का अंदाज जो दुनिया ने देखा, उसमें गुरूर और बड़े बोल नहीं नजर आए। नजर आया तो वो नौजवान, जो काबुल की सरजमीं को चूम रहे हैं और अपने मालिक का शुक्र अदा कर रहे हैं। जिन नौजवानों ने हर मुसीबत के बावजूद एक बार फिर ये दुनिया को बता दिया संख्या और हथियार नहीं, कौमी इरादा और कुर्बानी सबसे ऊपर है। जो कौम मरने के लिए तैयार हो जाए, उसे दुनिया में कोई शिकस्त नहीं दे सकता है।’
‘तालिबान को मुबारक हो। आपका दूर बैठा हुआ ये हिंदी मुसलमान आपको सलाम करता है, आपके गर्व और आपकी हिम्मत को सलाम करता है। आपके जज्बे को सलाम करता है। ये मंजर पूरी दुनिया ने देख लिया कि जिसने आपकी बात नहीं मानी, आपने उसे भी गले लगाया, आम माफी का ऐलान कर दिया। अगर कोई अपने इलाके से जाना चाहता था तो आपने उसे जाने दिया। पूरे देश में महिलाओं से बदसलूकी का एक भी वाकया नहीं सामने आया। इस तरह के झूठे इल्जाम आप पर बहुत लगते रहे हैं। मजहबी तौर पर भी जोर-जबरदस्ती नहीं की गई। अब बाजार खुल गए, बच्चियां स्कूल जाती दिखाई दे रही हैं। मैं सभी को सलाम-ए-मोहब्बत भेजता हूं।’
‘आपने अफगानिस्तान का कंट्रोल हाथ में लेते ही महिलाओं की तालीम के लिए भी शुरुआत कर दी, सरकारी दफ्तर भी खुल गए। आपको बरसों की कुर्बानियों और दुआओं के बाद एक मौका मिला है। मैं शुभकामनाएं देता हूं कि आप तरक्की करें और दुनिया को दिखा सकें कि इस्लाम इंसाफ का दीन है। आप दुनिया को ये दिखाएं कि इस्लाम पूरी इंसानियत की हर तरह से तरक्की चाहता है। अब पूरे एशिया में अमन, इंसाफ, खुशहाली और तरक्की फैलेगी।’