उत्तर प्रदेश में निर्माणाधीन आईटी पार्कों में करीब 200 करोड़ रूपये के निवेश और 15 हजार रोज़गार के अवसरों के सृजन की सम्भावना है।
अपर मुख्य सचिव,आईटी एवं इलेक्ट्राॅनिक्स आलोक कुमार ने रविवार को बताया कि साॅफ्टवेयर टेक्नोलाॅजी पार्क्स ऑफ़ इण्डिया (एसटीपीआई) की मदद से राज्य के सभी मण्डलों में आईटी पार्क स्थापित करने की योजना है। आईटी उद्योग को प्रोत्साहित करने के मकसद से राज्य की सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्ट-अप नीति 2017 के अन्तर्गत प्रदेश के सभी मण्डलों में आईटी पार्कों अथवा साॅफ्टवेयर टेक्नोलाॅजी पार्कों की स्थापना की जा रही है।
उन्होने कहा कि योजना के अन्तर्गत् सहारनपुर में 200 एकड़ में विकसित किए जा रहे पिलखनी औद्योगिक क्षेत्र में तीन एकड़ में आईटी पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव है, जिसमें एसटीपीआई के मानकों के अनुसार प्लग-एण्ड-प्ले सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
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अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मेरठ एवं आगरा में आईटी पार्कों की स्थापना का कार्य लगभग पूरा हो चुका है जबकि गोरखपुर एवं वाराणसी में सितम्बर तक आईटी पार्क स्थापित होने की सम्भावना है। एसटीपीआई के सहयोग से विकासित किए जा रहे सभी आईटी पार्कों के लिये भूमि की निःशुल्क व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की गई है तथा इन आईटी पार्कों के लिये स्थानीय सूचना प्रौद्योगिकी व स्टार्टअप कम्पनियों के चयन की प्रक्रिया भी साथ-साथ कराई जा रही है।
उन्होंने कहा कि वाराणसी में वाराणसी विकास प्राधिकरण के जवाहर लाल नेहरू काॅमर्शियल काॅम्पलेक्स में आईटी पार्क की स्थापना के लिये आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग के पक्ष में इस निर्मित भवन का हस्तान्तरण विलेख प्रक्रियाधीन है, जबकि कानपुर (पनकी) में उपलब्ध भूमि पर एसटीपीआई द्वारा शीघ्र ही निर्माण कार्य आरम्भ किया जाएगा। बरेली में परियोजना के लिये इण्डियन टर्पेन्टाईन एण्ड रोजिन कं. लि. की भूमि प्राप्त किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
श्री कुमार ने बताया कि लखनऊ एवं प्रयागराज में प्लग-एण्ड-प्ले सुविधा से युक्त एसटीपीआई केन्द्र पूर्व से ही संचालित हैं तथा राज्य सरकार की निवेश के अनुकूल नीतियों तथा ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस में सुधार के फलस्वरूप वर्ष 2019-20 में लखनऊ के एस.टी.पी.आई. केन्द्र से 230 करोड़ रूपये का उल्लेखनीय निर्यात हुआ है।
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उल्लेखनीय है कि 20 आईटी एवं स्टार्टअप कम्पनियों के साथ लखनऊ में 5000 वर्गफीट क्षेत्र में 50 प्लग-एण्ड-प्ले सीट तथा 2000 वर्गफीट में कार्यस्थल की प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। प्रयागराज स्थित एसटीपीआई केन्द्र में 50 सीट्स प्लग-एण्ड-प्ले तथा लगभग 5000 वर्गफीट में कार्यस्थल की प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध हैं तथा 10 आईटी और आईटीईएस कम्पनियां कार्यरत हैं।
गौरतलब है कि गोरखपुर में गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) की 3.58 एकड़ भूमि पर आईटी पार्क का विकास किया गया है, जिसमें से 3,432 वर्गफीट में प्लग-एण्ड-प्ले सुविधा होगी तथा 5,568 वर्गफीट को कार्यस्थल की प्राथमिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। इसमें पांच वर्ष की अवधि में 4,000 लोगों को रोज़गार मिलने की संभावना है तथा प्रतिवर्ष 5-10 करोड़ रुपये का निर्यात राजस्व अनुमानित है।
मेरठ में 2.5 एकड़ में लगभग आईटी पार्क स्थापित किया गया है, जिसमें से 25,074 वर्गफीट निर्मित क्षेत्र है तथा 4,020 वर्गफीट में 131 प्लग-एण्ड-प्ले सीटों के साथ 3,640 वर्गफीट में कार्यस्थल की प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस पार्क में पांच वर्ष की अवधि में 5,000 लोगों को रोज़गार मिलने की संभावना है तथा प्रतिवर्ष 6-10 करोड़ रुपये का निर्यात राजस्व अनुमानित है।
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इसी प्रकार आगरा में दो एकड़ में स्थापित किए जा रहे आईटी पार्क में निर्मित क्षेत्र 23,000 वर्गफीट है, जिसमें 4,042 वर्गफीट में 122 प्लग-एण्ड-प्ले सीटें उपलब्ध होंगी तथा 2,330 वर्गफीट में कार्यस्थल की प्राथमिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसके प्रारम्भ होने से पांच वर्ष की अवधि में 5,000 रोज़गार के अवसरों तथा प्रतिवर्ष 6-10 करोड़ रुपये का निर्यात सम्भावित है।
इसके अतिरिक्त अलीगढ़, आजमगढ़ तथा झांसी मण्डलों में आईटी पार्क की स्थापना के लिए सरकारी भवनों, इन्जीनियरिंग या पाॅलीटेक्निक संस्थानों इत्यादि में रिक्त पड़े भवनों के साथ-साथ सिंचाई विभाग की भूमि की व्यवस्था के लिये प्रयास किए जा रहे हैं।