प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कृषि विरोधी बिल के खिलाफ दिल्ली आ रहे पंजाब व हरियाणा के किसानों पर लाठी, आंसू गैस व पानी की बौछारें छोड़ने की कड़ी निंदा की है।
उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं पर लाठियां बरसाने वाले सत्ता में बने रहने के काबिल नहीं हैं। लोकतंत्र में सांकेतिक विरोध प्रदर्शन का अधिकार सभी को है, यही लोकतंत्र की ताकत है। बड़ी से बड़ी समस्याओं को बातचीत से हल किया जा सकता है, लेकिन जन आकांक्षा के दमन और लाठीचार्ज के लिए लोकतंत्र में कोई जगह नहीं है। शिवपाल ने कहा कि इन कानूनों पर केंद्र सरकार पुनर्विचार करे।
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उन्होंने कहा कि नये कानूनों के तहत सरकार मंडियों को छीनकर कॉरपोरेट सेक्टर को देना चाहती है। भजपा सरकार में सबसे ज्यादा परेशान किसान ही हैं। उन्हें फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है। पिछले साल जो धान 2400 रुपये क्विंटल बिका था, वह इस बार 1100 से 1300 रुपये के बीच बिक रहा है।
गन्ने का समर्थन मूल्य पिछले कुछ सालों से एक रुपया भी नहीं बढ़ा है। शिवपाल यादव ने कहा कि आज अगर चौधरी चरण सिंह, लोहिया और समाजवादियों की विरासत सत्ता में होती तो अन्नदाताओं के साथ इतना बड़ा छल नहीं हो सकता था।