कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती संविदा पर करने के खिलाफ आंदोलनरत युवा शनिवार को भी कांग्रेस मुख्यालय के बाहर ही घूमते रहे। उन्हें शुक्रवार की रात प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के भीतर पार्टी कार्यकर्ताओं ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था। कई युवा घायल भी हो गए। लेकिन, इसके बावजूद वे लखनऊ से वापस नहीं गए।
उनका कहना है कि राजस्थान के चुनाव में कांग्रेस का समर्थन किया था। इसलिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को अपनी व्यथा सुनाए बिना यहां से नहीं जाएंगे। प्रियंका ने शुक्रवार को अपने कार्यकर्ताओं को अहिंसा का पाठ पढ़ाया। पंचायत चुनाव में सरकार पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाते हुए उसकी आलोचना की। लेकिन, पार्टी कार्यकर्ता कुछ ही घंटे में इस पाठ को भूल गए।
राजस्थान से आए बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने बताया कि उनके राज्य में कंप्यूटर अनुदेशक के 10453 पद निकले हैं। प्रियंका गांधी कह चुकी हैं कि संविदा पर भर्ती बेरोजगारों का अपमान है। फिर यह काम कांग्रेस शासित राजस्थान में क्यों हो रहा है।
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उपेन का कहना है कि शुक्रवार को पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उन्हें प्रियंका से मिलवाने का आश्वासन देते रहे। रात में कुछ कार्यकर्ता आए और उन पर राजनीतिक दल के इशारे पर आने का आरोप लगाकर चले जाने को कहा। जब बेरोजगार युवा नहीं माने तो उन्हें बुरी तरह से पीटा गया।
इन युवाओं ने पिटाई के दौरान अपने चोट के निशान भी दिखाए। हेमराज बैरा, विक्रम सिंह गुर्जर और नरेश चौधरी ने बताया कि वे यहां न्याय की आस में आए हैं। किसी अन्य पार्टी के इशारे पर आए होते तो एक महीने से दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर धरना नहीं दे रहे होते।
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इन युवाओं का कहना है कि कांग्रेस के ही कुछ नेताओं ने उन्हें रविवार को सुबह नौ बजे प्रियंका से मिलवाने का आश्वासन दिया है। इस बारे में संपर्क किए जाने पर कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने पीसीसी मुख्यालय पर युवाओं को पीटे जाने की घटना से भी इंकार किया।