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सीएम योगी की नीतियों ने किया कमाल, प्रदेश में घटी बेरोजगारी दर

Rojgar Mela

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लखनऊ। कोरोना काल में जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश वैक्सीनेशन और टेस्टिंग में नंबर वन हुआ है, वहीं दूसरी तरफ बेरोजगारी दर (unemployment rate) भी प्रदेश में घटती नजर आ रही है। देश में बेरोजगारी और कारोबारी गतिविधियों की निगरानी करने वाले संगठन सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (Centre for Monitoring Indian Economy) के मासिक आंकड़ों के अनुसार, देश में समग्र तौर पर उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर (unemployment rate) अप्रैल 2022 में घटकर 2.9 फीसदी रह गई है, जो मार्च में 4.4 फीसदी पर थी।

कोरोना पर नियंत्रण के साथ योगी सरकार ने बेरोजगारी (Unemployment) पर काबू पाने का रिकॉर्ड बना दिया है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMII) के ताजा सर्वे के आंकड़े इस बात की तस्‍दीक कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर 2.9 फीसदी दर्ज की गई है। जो मार्च के मुकाबले काफी कम है। CMII की रिपोर्ट के मुताबिक रोजगार उपलब्‍ध कराने के मामले में दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्‍यों के मुकाबले यूपी काफी आगे है। योगी सरकार ने पिछले 5 साल में युवाओं को 5 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां देने का रिकार्ड बनाया है।

CMII की रिपोर्ट में दिल्ली में बेरोजगारी दर (unemployment rate) 11.2 फीसदी

CMII की अप्रैल महीने की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्‍थान में बेरोजगारी दर (unemployment rate) का आंकड़ा 28.8 फीसदी है, जबकि देश की राजधानी दिल्‍ली की स्थिति रोजगार के लिहाज से बेहद खराब है। दिल्ली की बेरोजगारी दर 11.2 फीसदी दर्ज की गई है, पश्चिम बंगाल में 6.2 , तमिलनाडु में 3.2, पंजाब में 7.2, झारखंड में बेरोजगारी दर 14.2, केरल में 5.8 और आंध्र प्रदेश में 5.8 फीसदी है। देश की सबसे ज्‍यादा आबादी वाले यूपी में बेरोजगारी की दर महज 2.9 फीसदी है।

दिव्यांगजनो का सहारा बनी योगी सरकार

गौर करने वाली बात है कि सीएम योगी आदित्‍यनाथ (CM Yogi) की दूरदर्शी नीति और रोजगारपरक योजनाओं की बड़ी भूमिका है। उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रहे उद्योग और व्‍यापार के कारण ही आज उत्तर प्रदेश बेरोजगारी के मामले में न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। कोरोना के बाद भी प्रदेश सरकार ने युवाओं को रोजगार उपलब्‍ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

मिशन रोजगार के अन्तर्गत विभिन्न विभागों, संस्थाओं और निगमों आदि के माध्यम से प्रदेश के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। पिछले पांच वर्षों में योगी सरकार की स्वरोजगार की विभिन्न योजनाओं के तहत करीब तीन करोड़ लोगों को रोजगार से जोड़ने का काम किया गया है।

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