लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय वैश्विक स्तर पर अपनी उपलब्धियों से विशिष्ट पहचान बनाये। यह बात श्रीमती पटेल ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के 32वें दीक्षान्त समारोह को मंगलवार को राजभवन से वर्चुअली सम्बोधित करते हुए कही। इस मौके पर उन्होंने कहा कि दीक्षान्त समारोह से विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ता है और समाज भी अपनी बौद्धिक सम्पदा से परिचित होता है।
उन्होंने कहा कि हम अपने परम्परागत ज्ञान को अद्यतन करके विश्व के सम्मुख प्रस्तुत करें और वैश्विक ज्ञान से स्वयं को भी लाभान्वित करें, तभी भारत विश्व के नेतृत्व को तैयार हो सकेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय वैश्विक स्तर पर अपनी उपलब्धियों से विशिष्ट पहचान बनाये।
कोनेरू हम्पी ने जीता ‘बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमैन ऑफ द ईयर’ अवॉर्ड
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ विजन के दृष्टिगत उच्च शिक्षा प्रणाली मुख्य रूप से अनुसंधान और उद्योग-आधारित कौशल सशक्तीकरण पर केंद्रित हो, जो विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं को अवसर प्रदान करेगी और अपनी क्षमता के अनुसार प्रशिक्षण के साथ रोजगार के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा। इसलिये आवश्यकता है कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय छात्रों के कौशल विकास की दिशा में अग्रणी भूमिका निभायें।
उन्होंने कहा कि हम विश्व के सबसे युवा राष्ट्रों में से एक हैं और युवा कामगारों की बड़ी संख्या में उपलब्धता हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। युवा शक्ति की योग्यता का निर्माण उच्च शिक्षा की गुणवत्ता से ही सम्भव है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि विश्वविद्यालय में अनेक प्रकार की क्रीड़ा संबंधी गतिविधियों में छात्रों के साथ-साथ छात्राएं भी अग्रणी भूमिका का निर्वहन करती हैं और महिलाएं बढ़-चढ़कर पहलवानी के प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने मेरठ में राज्य खेलकूद विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की है।