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विश्वविद्यालय परिवर्तन के वाहक, छात्रों में करें उद्यमी का गुणों का विकास : बृजेश पाठक

छात्रों में करें उद्यमी का गुणों का विकास

छात्रों में करें उद्यमी का गुणों का विकास

लखनऊ। उद्यमिता प्रेरित, साहसी व तैयार रहने की एक सुसंगत प्रक्रिया है। जो समावेशी आर्थिक विकास का आधार है। समावेशी आर्थिक विकास का लक्ष्य, देश के युवाओं में उद्यमशीलता की भावना का विकास करके आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। इसी दिशा में लखनऊ विश्वविद्यालय लगातार प्रयत्नशील है कि विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों में उद्यमिता के गुण का विकास किया जा सके।

इसी के क्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग ने दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी “उद्यमिता विकास :रोजगार सृजन एवं विकास का आधार” विषय पर आयोजित करवा रहा है। जिसका आरंभ आज विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में हुआ। जिसमें प्रथम दिन मुख्य अतिथि के तौर पर कानून न्याय एवं ग्रामीण अभियांत्रिकी सेवा मंत्री बृजेश पाठक उपस्थित रहे।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिवर्तन के वाहक हैं। उद्यमिता और समावेशी विकास को यदि धरातल पर अग्रसारित करना है। तो उसके लिए हमें छात्रों में उद्यमी का गुणों का विकास करना होगा। उन्होंने वाणिज्य विभाग को ऐसे सेमिनार आयोजित करने के लिए बधाई दी और कहा भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन कराते रहना चाहिए। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश एक बड़ा बाजार है। इस बाजार की मांग को ओडीओपी व स्किल इंडिया के माध्यम से आसानी से पूरा किया जा सकता है।

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कैबिनेट मंत्री ने कॉन्फ्रेंस मैनेजिंग टीम को आश्वासन दिया कि जो भी सबक और आवश्यकताएं सम्मेलन से बाहर आएंगी, वह देखेंगे कि प्रासंगिक स्तर पर उचित सहायता प्रदान की जाए। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय ने कहा कि चूंकि सम्मेलन “ए रोडमैप” में प्रवेश करता है, वह उम्मीद करते हैं कि कुछ व्यावहारिक सबक और इससे बाहर आने चाहिए। हमें उच्च शिक्षा के लिए एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में उद्यमियों के लिए एक इकोसिस्टम के विकास में सूत्रधार के रूप में आने वाली उन अंतर्दृष्टि का उपयोग करना चाहिए।

इसके अलावा उन्होंने विफलताओं के साथ-साथ सफलता की कहानियों के बारे में पूरी तस्वीर दिखा पाने के लिए अपनी रुचि भी दिखाई। मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित प्रोफेसर फुरकान कमर ने उद्यमिता की महत्ता को वर्णित करते हुए कहा की व्यवसायियों को ब्रांड का नाम, उसकी वृद्धि एवं विकास एवं उद्यमिता के बारे में अवश्य जाना चाहिए। व्यवसाई के तौर पर संगोष्ठी मैं उपस्थित किरोन चोपड़ा ने अपने अनुभवों को साझा किया। कहा युवा अपनी उद्यमिता की क्षमता से दुनिया को प्रत्येक दिन आश्चर्यचकित कर रहे हैं। प्रथम तकनीकी सत्र जिसका विषय उद्यमिता एवं संस्थागत सहयोग में चेयरपर्सन के रूप में प्रोफेसर एसके श्रीवास्तव व द्वितीय तकनीकी सत्र जिसका विषय निगमीय उद्यमिता सामाजिक उद्यमिता में चेयरपर्सन के रूप में प्रोफेसर एपी तिवारी उपस्थित रहे।

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