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पलक झपकते ही मिल रही यूपी-112 की मदद, अपराधों में आई भारी कमी

UP-112

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लखनऊ: प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत और सुदृढ़ करने के लिए योगी सरकार अनेक प्रयास कर रही है। इसी क्रम में योगी सरकार ने टेक्नोलॉजी का सहारा लिया है। साथ ही आॅनलाइन या कॉल के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही विभिन्न सेवाओं को इंटीग्रेट किया जा रहा है। इन प्रयासों का अब असर भी देखने को मिल रहा है। प्रदेशवासियों को इसका सबसे बड़ा लाभ ये मिल रहा है कि किसी भी तरह की समस्या पर लोगों को तुरंत पुलिस की सहायता प्राप्त हो रही है। UP-112 का औसत रिस्पॉन्स टाइम 2017 की तुलना में बहुत कम हो गया है। इससे लूट, हत्या, डकैती, बलवा, अपहरण, बलात्कार समेत जघन्य अपराधों में भारी कमी दर्ज की गई है। एनसीआरबी के डेटा ने भी इसकी पुष्टि की है।

6 साल में 25 मिनट से 9 मिनट तक पहुंचा UP-112 का रिस्पॉन्स टाइम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सत्ता संभालने के साथ ही लॉ एंड आर्डर को अपनी प्राथमिकताओं में रखा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिसिंग को मजबूत करने के लिए उसे मॉडर्न टेक्नोलाॅजी से लैस किया। इसके लिए भारी-भरकम धनराशि जारी की गई। इससे प्रदेश में जहां कानून का राज स्थापित हुआ, वहीं अपराध में काफी कमी दर्ज की गयी। सीएम योगी की मॉनिटरिंग का ही असर है कि वर्ष 2017 में जहां UP-112 का औसत रिस्‍पांस टाइम 25 मिनट 42 सेकंड था, वहीं आज यह घटकर औसतन 9 मिनट 18 सेकेण्‍ड रह गया है। इसके लिए योगी सरकार ने वर्ष 2018 में प्रदेश के सुदूर, दुर्गम एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को त्‍वरित पुलिस सहायता प्रदान करने के लिए UP-112 की फ्लीट में 1600 दो पहिया पीआरवी वाहन शामिल किये थे। इससे प्रदेश में वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022 में लूट, हत्या, डकैती, बलवा, अपहरण, बलत्कार समेत जघन्य अपराध में काफी कमी दर्ज की गयी है।

फिरौती के मामलों में 103 प्रतिशत की दर्ज की गई कमी

UP-112 की एडीजी नीरा रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरुप प्रदेशवासियों को पुख्ता सुरक्षा का अहसास कराने के लिए विभाग की आेर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत महिला हेल्‍पलाइन 1090, वीमेन एण्‍ड चाइल्‍ड हेल्‍पलाइन 181, मेडिकल हेल्‍पलाइन 108, जीआरपी, फायर सर्विसेज, स्‍मार्ट सिटी, लखनऊ एवं साइबर हेल्‍पलाइन 1930 को UP-112 के साथ एकीकृत किया गया। इससे प्रदेशवासियों को सहायता मांगने पर जल्द से जल्द तुरंत उपलब्ध कराई जा रही है।

इसके अलावा सवेरा योजना के तहत 15 लाख 30 हजार सीनियर सिटीजन का रजिस्ट्रेशन किया गया। योजना के तहत पीआरवी उन्हे हर सहायता मुहैया कराने के साथ उनका समय-समय पर कुशलक्षेम लेती रहती है। वहीं 2000 महिलाओं को रात्रि स्‍कोर्ट सेवा के माध्‍यम से सहायता प्रदान की जा चुकी है। वहीं UP-112 के रिस्पांस टाइम में सुधार, फ्लीट में बढ़ोतरी एवं त्‍वरित कार्यवाही से वर्ष 2016 के सापेक्ष 2022 में विभिन्‍न अपराधों में कमी दर्ज की गई है।

एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में डकैती के अपराध में वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022 में 468 प्रतिशत की कमी, लूट के अपराध में वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022 में 202 प्रतिशत की कमी, हत्या के अपराध में वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022 में 59 प्रतिशत की कमी, बलवा के अपराध में वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022 में 123 प्रतिशत की कमी, गृहभेदन के अपराध में वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022 में 11 प्रतिशत की कमी तथा फिरौती के लिए अपहरण के अपराध में वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022 में 103 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी।

महिला संबंधी अपराधों में भी दर्ज की गयी कमी

एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में महिला संबंधी अपराधों में भी काफी कमी दर्ज की गयी है। प्रदेश में बलात्कार के अपराध में वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022 में 77 प्रतिशत की कमी, शीलभंग के अपराध में वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022 में 17 प्रतिशत की कमी, अपहरण के अपराध में वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022 में 23 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी।

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