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यूपी बना निवेश का सबसे बड़ा हब, चीन व वियतनाम छोड़कर आईं कई टेक कंपनियां

उत्तर प्रदेश विदेशी निवेश का सबसे बड़ा हब बन गया है। यहां योगी सरकार के नेतृत्व में प्रदेश को इस कदर सुरक्षा व सुविधायुक्त कर दिया गया है कि दुनिया की कंपनियां यहां पैसे लगाने को लालायित हैं। कई अहम टेक कंपनियां चीन, वियतनाम छोड़कर उप्र में निवेश करने आ गई हैं।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि निवेश के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को एक अहम उपलब्धि मिली है। राज्य में सैमसंग की डिस्प्ले यूनिट में उत्पादन शुरू हो गया है। रिकार्ड समय में यूनिट निर्माण से लेकर उत्पादन का  काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि उप्र ने चीन से सैमसंग की डिस्प्ले यूनिट छीन ली है। इसके पहले जर्मनी की फुटवियर कंपनी भी चीन से आगरा आ चुकी है। उन्होंने कहा कि नोएडा की डिस्प्ले यूनिट वियतनाम और दक्षिण कोरिया के बाद अब दुनिया में सैमसंग की तीसरी यूनिट है। सैमसंग की डिस्प्ले यूनिट में तीन हजार लोगों को रोजगार मिला है। वहीं, आने वाले समय में दस हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

मेक इन इंडिया की पहल

प्रवक्ता ने कहा कि सैमसंग की डिस्प्ले यूनिट मेक इन इंडिया कार्यक्रम की सफलता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। 2019 में सैमसंग ने नोएडा में अपनी सबसे बड़ी मोबाइल विनिर्माण इकाइयों में से एक की स्थापना की थी। दो वर्ष से भी कम समय में अप्रैल 2021 में इसका कार्य हो पूरा गया। उन्होंने बताया कि सैमसंग की दोनों इकाइयों में लगभग 10 हजार करोड़ का निवेश हुआ है।

12 करोड़ प्रति वर्ष डिस्पले यूनिट बनाने का लक्ष्य

प्रवक्ता बताया कि इस संयंत्र में प्रति माह तीस लाख डिस्प्ले इकाइयों की विनिर्माण क्षमता से उत्पादन की योजना है। वर्तमान में मोबाइल फोन की स्थापित मैन्यूफैक्चरिंग क्षमता लगभग 09 करोड़ प्रति वर्ष है। उन्होंने बताया कि अब क्षमता को बढ़ाकर 12 करोड़ प्रति वर्ष करने का लक्ष्य रखा गया है।

26.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का होगा निर्यात

उन्होंने बताया कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश भारत के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक बन जाएगा। वर्ष 2020 से 2025 की अवधि के दौरान पीएलआई योजना के अंतर्गत उप्र से 26.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कुल निर्यात होने का अनुमान है, जिसमें सैमसंग की परियोजनाओं का एक बड़ा योगदान होगा। उन्होंने बताया कि मई, 2017 में सैमसंग ने प्रदेश सरकार के साथ मोबाइल फोन मैन्यूफैक्चरिंग के लिए निवेश परियोजना के लिए एमओयू किया था। सैमसंग की परियोजना के लिए महज चार महीने में बिजली लाइन का निर्माण करने के कार्य पूरा किया गया।

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