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उत्तर प्रदेश बनेगा जैव ईंधन उत्पादन का मॉडल राज्य : मुख्यमंत्री

cm yogi

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने रविवार को उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में बायो फ्यूल उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर देते हुए जैव ऊर्जा नीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश के पास एक मॉडल प्रस्तुत करने का सुअवसर है। प्रदेश को अग्रणी राज्य बनने के लिए नई जैव ऊर्जा नीति तैयार की जाए। साथ ही हर जिले में बायो फ्यूल प्लांट लगाए जाएं। यह कार्य प्राथमिकता के साथ हो। अगले चरण में इसे हर तहसील तक बढ़ाया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री रविवार को अपने आवास पर बायो फ्यूल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए समीक्षा कर रहे थे। सीएम ने निर्देश दिए कि आगामी पांच वर्षों में 500 टन सीबीजी प्रतिदिन कम्प्रेस्ड गैस उत्पादन के लक्ष्य को लेकर प्रयास करें। इस तरह प्रतिवर्ष 1.5 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकेगा। इसी प्रकार, बायोकोल, बायोडीजल और बायो एथेनॉल के लिए 2000-2000 टन प्रतिदिन के लक्ष्य को लेकर काम किया जाना चाहिए।

उन्होंने (CM Yogi) कहा कि कंप्रेस्ड बायोगैस, बायोकोल, एथेनॉल और बायो डीजल जैसे जैव ऊर्जा प्रकल्पों को प्रोत्साहन के हमारे प्रयासों के सकारात्मक परिणाम रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने हर जिले में बायोफ्यूल प्लांट स्थापना का फैसला लिया है।

भविष्य की जरूरतों के लिए हमें बायोमास सप्लाई चेन का विकास करना होगा। ऊर्जा और परिवहन के क्षेत्र में जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है। विद्युत उत्पादन गृहों में बायोमास पैलेट्स के उपयोग किया जाना चाहिए।

उन्होंने निर्देश दिए कि अलगे पांच वर्षों में 500 टन कंप्रेस्ड बायो गैस प्रतिदिन उत्पादन के लक्ष्य को लेकर प्रयास करें। बायोकोल, बायोडीजल और बायो एथेनॉल के लिए 2000-2000 टन प्रतिदिन के लक्ष्य को लेकर काम किया जाना चाहिए।

इन क्षेत्रों में निवेश करने वाली कंपनियों के लिए भूमि की सुलभ उपलब्धता, पूंजीगत उत्पादन सहित सभी जरूरी सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा। बायो फ्यूल प्लांट की स्थापना और बायोमास भंडारण के लिए ग्राम समाज, राजस्व भूमि, चीनी मिल परिसर में खाली भूमि का उपयोग किया जाना चाहिए।

पांच साल में 22000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य

सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि गैर पारंपरिक ऊर्जा विकल्पों को प्रोत्साहन देना जरूरी है। अगले पांच वर्ष में 22000 मेगावाट सोलर पावर उत्पादन का लक्ष्य होना चाहिए। अयोध्या को मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। सौर ऊर्जा उत्पादन और भंडारण के क्षेत्र में निजी क्षेत्र के निवेश के लिए अनुकूल माहौल देना होगा।

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उन्होंने भवनों की छतों पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाने, जिलों में सीडीओ की अध्यक्षता में सोलर सेल के गठन और सभी परियोजनाओं का पंजीकरण अनिवार्य करने पर जोर दिया। कहा कारागारों में कैदियों को सोर ऊर्जा उपकरण बनाने का प्रशिक्षण दिया जाए।

तैयार की जाए नई नीति

योगी (CM Yogi) ने कहा कि इस क्षेत्र की निवेशकर्ता कंपनियों के लिए भूमि की सुलभ उपलब्धता, पूंजीगत उपादान सहित सभी जरूरी सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा। नवीन जैव ऊर्जा नीति तैयार करते समय औद्योगिक जगत से परामर्श जरूर करें। निवेशकर्ता संस्थाओं-कंपनियों की जरूरतों को समझें। सभी पक्षों की राय लेते हुए व्यापक विमर्श के बाद नवीन नीति तैयार की जाए।

पराली जलाने के विषय को भी जोड़ें

योगी ने कहा कि अन्नदाता किसानों द्वारा पराली जलाए जाने से पैदा हो रही पर्यावरणीय चुनौतियों के स्थायी समाधान के लिए हमें विशेष प्रयास करना होगा। नवीन नीति में इस विषय का ध्यान रखा जाए। बायो फ्यूल प्लांट की स्थापना और बायोमास भंडारण के लिए ग्राम समाज, राजस्व भूमि, चीनी मिल परिसर में खाली भूमि का उपयोग किया जाना चाहिए।

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