लखनऊ। उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (UP BJP) को जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष (State President) मिल सकता है। क्योंकि राज्य में सरकार बने करीब दो महीने होना वाला है। राज्य के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev) योगी आदित्यनाथ कैबिनेट (Yogi Adityanath Cabinet) में मंत्री हैं। लिहाजा पार्टी जल्द से जल्द किसी नेता को जिम्मेदारी सौंपना चाहती है। क्योंकि अब पार्टी का पूरा फोकस मिशन-2024 पर है।
फिलहाल बीजेपी (UP BJP) के पास नेताओं की एक बड़ी कतार है, जिन्हें प्रदेश अध्यक्ष का दावेदार माना जा रहा है और अब कई नामों को लेकर चर्चाएं तेज हो रही हैं। बताया जा रहा है कि अब दावेदारों में केंद्रीय मंत्री और एक योगी कैबिनेट के मंत्री का भी नाम जुड़ गया है।
बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर चर्चाए जारी हैं और इसमें नए नाम जुड़ते जा रहे हैं।पार्टी के हलकों में जो तीन नाम बहुत तेजी से उभर रहे हैं। उसमें एक केंद्रीय और एक योगी कैबिनेट मंत्री का भी नाम सामने आ रहा है। जबकि संगठन के नामों पर पहले से ही चर्चा चल रही है।
पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह (Swatantra Dev) के कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ लेने के साथ ही नए अध्यक्ष को लेकर चर्चा शुरू हो गई थी। लेकिन अभी तक पार्टी ने किसी नेता को संगठन की कमान नहीं सौंपी है। पार्टी के भीतर ब्राह्मण और दलित चेहरे को लेकर भी चर्चा हो रही है। क्योंकि पार्टी के एक धड़े का मानना है कि लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक इन दोनों वर्गों ने पार्टी को वोट दिया।
दलित चेहरे पर भी चर्चा
बताया जा रहा है कि पार्टी किसी दलित चेहरे पर भी संगठन के मुखिया के लिए दांव खेल सकती है। क्योंकि इस बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी को दलित वर्ग ने वोट दिया है और अब पार्टी की नजर लोकसभा चुनाव पर है।
सपा नेता अरुण यादव ने की STF टीम को कुचलने की कोशिश, दो गिरफ्तार
वहीं एक धड़ा ब्राह्मण वर्ग की वकालत कर रहा है और नेताओं का मानना है कि पिछले दो चुनाव में ब्राह्मण को कमान दी गई थी और परिणाम सबके सामने हैं।
इन दो मंत्रियों का नाम आया चर्चा में
बताया जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर कई नेताओं के नाम सामने आए हैं और इसमें दो मंत्रियों के नाम जुड़ गए हैं। इसमें केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री बीएल वर्मा और प्रदेश के पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी का नाम शामिल है। बीएल वर्मा राज्यसभा सांसद हैं जबकि चौधरी विधान परिषद के सदस्य हैं।