जिन विद्यालयों में कमरे न कमरे हैं न बाउंड्रीवाल। न सीसीटीवी कैमरे न ही अन्य सुविधाएं-व्यवस्थाएं। फिर भी यूपी बोर्ड परीक्षा वर्ष 2021 के लिए उन्हें केंद्र बना दिया गया है। इससे परीक्षा केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया के साथ ही प्रशासन की सत्यापन रिपोर्ट पर सवाल उठने लगे हैं। विभाग का कहना है कि विद्यालयों से आपत्तियां मांगी गई हैं। इसके बाद केंद्रों को लेकर विचार किया जाएगा।
यूपी बोर्ड प्रशासन ने बस्ती जिले के 120 विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया है। इनमें से कुछ विद्यालय ऐसे हैं, जहां परीक्षार्थियों के बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हैं, जबकि बोर्ड प्रशासन का सख्त निर्देश है कि जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं, ऐसे विद्यालयों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जा सकता है।
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शहर के पुरानी बस्ती स्थित महाजन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के कमरे काफी जीर्ण-शीर्ण हो चुके हैं। वहां बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं। इसी के साथ राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कछिया, जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय इटवा कुनगाई, पंडित दीनदयाल उपाध्याय मॉडल विद्यालय श्रृंगीनारी में सीसीटीवी सहित अन्य सुविधाएं नहीं है। इसके बावजूद इन विद्यालयों को परीक्षा केंद्र की सूची में शामिल कर दिया गया है।परीक्षा केंद्र बनाए गए कई अन्य विद्यालयों का भी यही हाल है। ऐसे में परीक्षा केंद्रों की यह सूची विभाग के लिए गले की फांस बनी हुई है।
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परीक्षा केंद्रों की सूची ऑनलाइन ही बोर्ड प्रशासन ने तैयार कराई है। जिले से जो रिपोर्ट भेजी गई थी, उसी के आधार पर केंद्रों का निर्धारण किया गया है। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट भौतिक सत्यापन के आधार पर नहीं तैयार की गई। शासन की ओर से जारी निर्देश के अनुसार माध्यमिक शिक्षा विभाग की तरफ से सभी तहसीलों के एसडीएम को विद्यालयों की सूची दे दी गई थी। मानक के सत्यापन के लिए डीएम ने सभी तहसीलों में एसडीएम के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बोर्ड प्रशासन को सौंपी थी। बोर्ड के मानक में कमरों की संख्या, वहां सीसीटीवी कैमरे का लगा होना, शौचालय की व्यवस्था, जनरेटर आदि की व्यवस्था जरूरी है। अगर विद्यालयों के सत्यापन के दौरान मानक को भी देखा जाता तो यह गलती नहीं होती।
सभी विद्यालयों से आपत्तियां मांगी गई हैं। मिलने के बाद केंद्रों को लेकर विचार किया जाएगा।
डीएस यादव, डीआईओएस