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सख्त पहरे में चेक होंगी UP Board की कॉपियां, इस दिन जारी हो सकता है रिजल्ट

UP Board

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लखनऊ। यूपी बोर्ड (UP Board) 10वीं-12वीं रिजल्ट तैयार करने की कवायद शुरू हो चुकी है। यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल (कक्षा 10वीं) और इंटरमीडिएट (कक्षा 12वीं) परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुचितापूर्ण तरीके से कराने के लिए कमर कस ली है। मूल्यांकन केंद्रों के आसपास धारा 144 लागू रहेगी। परीक्षा केंद्रों की तरह अब मूल्यांकन केंद्रों की जिम्मेदारी भी स्टैटिक मजिस्ट्रेट को सौंपी गई है। इसके लिए शासनादेश जारी कर दिया गया है।

CCTV और पुलिस की निगरानी में चेक होंगी कॉपियां

मूल्यांकन केन्द्र पर तैनान स्टेटिक मजिस्ट्रेट द्वारा कोठार से 10 बण्डलों का चयन रैण्डम तरीके से करते हुए उपप्रधान परीक्षक को उत्तर पुस्तिकाएं वितरित की जाएंगी। मूल्यांकन कार्य सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होगा। खुफिया पुलिस के साथ सादी वर्दी में पुलिस केंद्रों पर रहेगी। हर केंद्र पर चार सशस्त्र पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे। परीक्षक अपने साथ मूल्यांकन कक्ष में मोबाइल नहीं ले जा सकेंगे।

कब जारी हो सकता है यूपी बोर्ड (UP Board) रिजल्ट?

प्रदेश के 258 केंद्रों पर मूल्यांकन कार्य 18 मार्च से एक अप्रैल तक चलेगा। एक लाख 40 हजार से अधिक परीक्षक उत्तर पुस्तिका को जांचेगे। यूपी बोर्ड ने जिस तरह से शुचितापूर्ण तरीके से परीक्षा कराई है उसी प्रकार मूल्यांकन कार्य कराने जा रहा है। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मूल्यांकन केंद्रों को पहली बार स्टैटिक मजिस्ट्रेट के हवाले किया जाएगा। हालांकि डाइट के प्राचार्य पूर्व वर्षों की भांति पर्यवेक्षक की भूमिका में रहेगे।

शासन ने यह माना है कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी अतिसंवदेनशील कार्य है। इसके लिए मूल्यांकन अवधि तक सभी केंद्रों पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती की जाएगी। शासन की ओर से सभी जिलाधिकारियों को पत्र प्रेषित कर मूल्यांकन कार्य को शुचितापूर्ण तरीके से कराने में सहयोग करने को कहा गया है। यूपी बोर्ड 01 अप्रैल तक कॉपी चेकिंग का काम खत्म कर लेगा। उम्मीद की जा रही है कि यूपी बोर्ड 10वीं और 12वीं के रिजल्ट अप्रैल 2023 के पहले सप्ताह में जारी हो सकते हैं। हालांकि बोर्ड ने अभी रिजल्ट जारी करने की तारीख की घोषणा नहीं की है।

मोबाइल के साथ पकड़े गए तो परीक्षक पर होगी सख्त कारवाई

मूल्यांकन में गड़बड़ी की स्थिति में स्टैटिक मजिस्ट्रेट की जवाबदेही रहेगी। बोर्ड सचिव दिव्यकान्त शुक्ल ने बताया कि स्टैटिक मजिस्ट्रेट कोठार से दस बंडलों का रैण्डम तरीके से चयन करेंगे और उसे उप प्रधान परीक्षक को देंगे। वे लगातर मूल्यांकन कार्य का सतत निरीक्षण करेंगे।

जनपद एवं राज्य स्तर से मूल्यांकन केंद्रों की सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रहेगी। वेब कास्टिंग के माध्यम से लाइव मॉनिटरिंग होगी। प्रत्येक कक्ष में सीसीटीवी कैमरा रहेगा। सचिव ने कहा कि कोई भी परीक्षक मोबाइल फोन के साथ पकड़ा गया तो सख्त कारवाई होगी। केंद्रों में एक पृथक कक्ष रहेगा जहां परीक्षकों का मोबाइल जमा रहेगा।

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मूल्यांकन केंद्रों के पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी डायट के प्राचार्य निभाएंगे। प्रत्येक जिले के डायट प्राचार्य अपने यहां के सभी मूल्यांकन केंद्रों की जांच करेंगे। पर्यवेक्षक यह भी सुनिश्चित करेंगे कि किसी केंद्र पर बाहरी व्यक्ति न आने पाएं। सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि उपप्रधान परीक्षकों को रैण्डम तरीके से उत्तर पुस्तिकाएं दी जा रही हैं अथवा नहीं इसकी निगरानी भी पर्यवेक्षक करेंगे। केंद्र के बाहर भीड़ जमा ना होने पाए इसकी जिम्मेदारी भी वे निभाएंगे। जनपद एवं राज्य स्तर के अधिकारियों के संपर्क में पर्यवेक्षक रहेंगे।

मूल्यांकन कार्य में गड़बड़ी करने वाले शिक्षक होंगे डिबार

यूपी बोर्ड ने मूल्यांकन कार्य में किसी स्तर पर कोई समस्या नहीं आने पाए इसके लिए लगातार कार्यशाला आयोजित कर रहा है। बुधवार को प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय में मूल्यांकन केंद्रों के उपनियंत्रकों से बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा को और बेहतर करने की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है और इसके परिणाम सामने आ रहे हैं।

बोर्ड ने गत जुलाई माह से ही तीन स्टेप गुणवत्तापरक शिक्षा, नकल विहीन परीक्षा एवं शुचितापूर्ण मल्यांकन को अपना मूल मंत्र मानकर काम करना शुरू किया था। उस दिशा में दो स्टेप में हम सफल रहे हैं। तीसरा स्टेप शुचितापूर्ण मूल्यांकन अब एजेंडे में हैं। इसको लेकर हमारा होमवर्क पूरा हो गया है। अंतिम स्टेप सामने हैं जैसे पूर्व में  सबने सहयोग दिया है उसी प्रकार आप सभी इस काम में तत्परता से लग जाएं।

सचिव ने कहा कि  मूल्यांकन कार्य में गड़बड़ी करने वाले शिक्षक हमेशा के लिए डिबार कर दिए जाएंगे। परीक्षक कापी जांच करते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह अच्छा काम कर रहे हैं। कापियों को ईमानदारी से मूल्यांकित करें। उत्तर पुस्तिकाओं में हर स्टेप नंबर दें। किसी परीक्षार्थी ने यदि दो स्टेप तक प्रश्नों का सही जवाब दिया है और अंतिम एक स्टेप गलत हो गया है तो उसे दो स्टेप तक पूरा नंबर दें। उन्होंने परीक्षकों से बेवजह नंबर ना काटने की भी सलाह दी।

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