Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

इसी हफ्ते घोषित हो सकते हैं यूपी बोर्ड के परीक्षा परिणाम

UP Board

UP Board

लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश (UP Board) के परीक्षा परिणाम इसी हफ्ते घोषित हो सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के निर्देश के बाद बोर्ड ने इस सम्बंध में तैयारियां तेज कर दी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने बुधवार सुबह उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि यूपी बोर्ड (UP Board) के परीक्षार्थियों को अपने परीक्षा परिणाम की प्रतीक्षा होगी। ऐसे में बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम समय से जारी कर दिया जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि परीक्षा परिणामों को घोषित करने की पूर्व सूचना अभिभावकों अथवा परीक्षार्थियों को जरूर दी जाए।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद बोर्ड ने परीक्षा परिणामों की घोषणा को लेकर तैयारियां तेज कर दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यूपी बोर्ड द्वारा संचालित हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा को शुचिता और पारदर्शिता के साथ सम्पन्न कराया। पहली बार बोर्ड परीक्षा बिना रिएग्जामिनेशन के पूर्ण हुई है।

यूपी बोर्ड (UP Board) की सत्र 2021-22 की परीक्षा मार्च और अप्रैल के महीने में सम्पन्न हुई थी। उत्तर प्रदेश बोर्ड ने 24 मार्च से 13 अप्रैल तक 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की थी। वहीं, कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा का आयोजन 24 मार्च से 13 अप्रैल, 2022 तक किया गया था। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार यूपी बोर्ड की परीक्षाओं के लिए 51,92,689 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, इनमें से 47,75,749 छात्रों ने परीक्षा में भाग लिया था। बोर्ड ने कॉपियों का मूल्यांकन पूरा कर रिजल्ट तैयार कर लिया है।

सीएम योगी का बड़ा ऐलान, अग्निवीरों को यूपी पुलिस की नौकरी में मिलेगी प्राथमिकता

हाईस्कूल परीक्षा के लिए रजिस्टर्ड 27,81,654 छात्रों में 15,53,198 लड़के और 12,28,456 लड़कियां शामिल हैं, जबकि इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए रजिस्टर्ड 24,11,035 छात्रों में 13,24,200 लड़के और 10,86,835 लड़कियां शामिल हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार ने बोर्ड परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए पुख्ता इंतजाम किए थे। सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगे थे। सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम किए गए थे। इसी का नतीजा था कि बोर्ड परीक्षा पहली बार बिना रिएग्जामिनेशन के हुई। साथ ही परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई भी की गई। तत्कालीन डायरेक्ट को निलंबित किया गया और बलिया के डीआईओएस को जेल जाना पड़ा था।

Exit mobile version