यूपी बोर्ड की परीक्षा की 10वीं-12वीं कक्षा की परीक्षाएं अप्रैल-मई में आयोजित की जा सकती हैं। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और माध्यमिक शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने इस बारे में बात करते हुए संकेत दिया था कि परीक्षाएं पंचायत चुनावों के बाद करवाई जाएंगी। अभी तक कि खबरों के मुताबिक यूपी में पंचायत चुनाव मार्च तक खत्म हो जाने चाहिए। इसलिए बोर्ड परीक्षाएं अप्रैल-मई में आयोजित की जाएंगी। हालांकि, जल्द ही तारीखों को लेकर भी फैसला आ सकता है। इसके साथ ही तारीखों का इंतजार कर रहे लाखों छात्रों का इंतज़ार खत्म हो जाएगा।
बता दें कि एक दिन बाद यानी 15 जनवरी से प्री-बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। वहीं सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं 4 मई से करवाने की घोषणा के बाद यूपी बोर्ड ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
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पिछली बार तक एक परीक्षा केंद्र पर अधिकतम छात्रों की संख्या 1200 तक निर्धारित की गई थी लेकिन इस बार कोरोना वायरस महामारी के कारण इसे घटाकर अधिकतम 800 कर दिया गया है। पिछली बार एक विद्यार्थी को 20 वर्ग फीट की जगह का प्रावधान किया गया था लेकिन इस बार 36 वर्ग फीट का स्पेस हर विद्यार्थी को मिलेगा। यूपी बोर्ड के मानकों के मुताबिक 500 वर्ग फीट के कमरे में सिर्फ 14 से 15 छात्र ही बैठेंगे। इससे दो छात्रों के बीच काफी स्पेस होगा।
चूंकि इस बार छात्रों को ज्यादा स्पेस दिया जाना है या सोशल डिस्टेंसिंग ज्यादा रखनी है इसलिए सेंटर्स की संख्या भी बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। इस बार कुल 14 हजार परीक्षा केंद्र बनाया जा सकता है जबकि पिछले साल 7783 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इसके अलावा चूंकि परीक्षा केंद्रों की संख्या लगभग डबल की जा रही इसलिए एक कक्ष में दो के बजाय एक ही परीक्षा को नियुक्त किया जा सकता है।
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आपको बता दें कि सीबीएसई की तरह ही यूपी बोर्ड ने भी पाठ्यक्रम में 30 फीसदी कटौती की है। जिसकी जानकारी छात्रों को दी जाएगी। से लेकर बोर्ड ने छात्र-छात्राओं के लिए विवरण पत्रिका तैयार की है। पत्रिका में विषयवार पाठ्यक्रम की जानकारी दी गई है। अब तक जिले के माध्यमिक विद्यालयों में 70 फीसदी विवरण पत्रिका भेज दी गई है।