मनरेगा संविदा कर्मियों ने मांगें पूरी नहीं होने पर 20 मई से हड़ताल की घोषणा पर सरकार ने सख्ती दिखाई है। ग्राम्य विकास आयुक्त के.रविंद्र नाइक ने बुधवार को जारी आदेश में साफ किया है कि महामारी जैसी परिस्थिति में काम पर नहीं आने वाले ग्राम रोजगार सेवक सहित अन्य कर्मचारियों की जगह नई भर्ती का निर्णय लिया जाएगा।
आयुक्त ने साफ किया है कि मनरेगा के कर्मचारियों ने जितने दिन काम किया है, उतने दिन का भुगतान किया जाए। कर्मचारियों को किए गए अधिक भुगतान की वसूली खंड विकास अधिकारी से लेकर मुख्य विकास अधिकारी तक से की जाएगी।
ग्राम्य विकास आयुक्त का कहना है कि कोरोना महामारी में देश के विभिन्न प्रदेशों से प्रवासी श्रमिक लौट कर अपने गांव आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा में रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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उन्होंने कहा कि ऐसे संकट के समय मनरेगा कर्मियों की निम्न मानसिकता से कार्य बहिष्कार करना खेदजनक है। उन्होंने कहा कि मनरेगा कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान विभाग की ओर से लगातार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से परेशान जनता की ओर से मनरेगा में काम की मांग करने पर यदि उन्हें रोजगार उपलब्ध नहीं कराया गया तो इससे जनता में विभाग के प्रति आक्रोश होगा। उन्होंने जिलाधिकारियों को स्थानीय स्थिति की समीक्षा कर अपने स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्था कर ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी और मेट के जरिये मनरेगा के कार्य शुरू कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि मनरेगा कर्मी ने जितने दिन काम किया है उन्हें उतने ही दिन का भुगतान किया जाए।