लखनऊ। योगी सरकार विधानमंडल का बजट सत्र फरवरी के दूसरे पखवाड़े में आहूत कर सकती है। मिली जानकारी के अनुसार 15 से 17 फरवरी के बीच वर्ष 2021-22 का बजट पेश किए जाने की संभावना है।
सूत्रों ने बताया कि बजट प्रस्तावों व खर्चों को अंतिम रूप देने से पहले केंद्रीय बजट से प्रदेश को विभिन्न योजनाओं, परियोजनाओं में मिलने वाली सहायता व करों में हिस्सेदारी जानने की योजना है। इससे बजट अनुमान को यथार्थ के नजदीक रखने में आसानी होगी।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 2021-22 का आम बजट एक फरवरी को पेश करने का एलान किया है। इसके बाद प्रदेश के बजट को अंतिम रूप देने के लिए कम से कम 10 दिन की जरूरत बताई जा रही है। ऐसे में सरकार विधानमंडल का बजट सत्र 10 फरवरी के बाद कभी भी आहूत कर सकती है।
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जानकार बताते हैं कि आगामी गतिविधियों व कार्यक्रमों के मद्देनजर बजट सत्र 15 फरवरी से आहूत किए जाने के संकेत हैं। वर्ष का पहला सत्र होने से परंपरानुसार पहले दिन राज्यपाल विधानमंडल के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगी।
इससे अनुमान है कि 16 फरवरी को वसंत पंचमी के बाद 17 फरवरी को योगी सरकार का चुनावी बजट पेश हो सकता है। कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रोटोकाल व आगामी पंचायत चुनाव की प्रस्तावित अधिसूचना के मद्देनजर सत्र ज्यादा लंबा होने की उम्मीद नहीं है।
कोरोना महामारी और चुनावी वर्ष में आसमान छूती जन-आकांक्षाओं को पूरा करने के दबाव के बीच योगी सरकार के आगामी बजट पर सभी की निगाहें हैं। जानकार बताते हैं कि इन्फ्रास्ट्रक्चर की चालू योजनाओं में एक्सप्रेस-वे, एयरपोर्ट, सड़क, बिजली, जल जीवन मिशन, सिंचाई के साथ युवाओं पर फोकस के साथ ही कार्यकाल के पहले बजट की तरह आखिरी बजट में भी किसानों के लिए कुछ खास करने पर विचार कर रही है।
पहले बजट में कर्जमाफी की गई थी। हालांकि आखिरी बजट में किसानों के लिए क्या खास होगा, इस पर अभी फैसला होना बाकी है। यदि केंद्रीय बजट में किसानों के लिए कोई बड़ा एलान न हुआ तो राज्य किसानों पर मुख्य फोकस वाली कोई योजना ला सकता है।