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महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा ‘यूपी मिशन शक्ति अभियान’

Mission Shakti

UP Mission Shakti Abhiyan

लखनऊ। प्रदेश की महिलाओं एवं बेटियों को स्वालंबी बनाने के लिए योगी सरकार ने वर्ष 2020 ‘यूपी मिशन शक्ति अभियान’ (UP Mission Shakti Abhiyan) की शुरूआत की थी। यह योजना अब महिलओं के एक वारदान साबित होती जा रही है। योजना के तहत चलाये जा रहे विभिन्न प्रकार के जागरूकता एवं ट्रेनिंग प्रोग्राम से उन्हें उनके अधिकारों का बोध हो रहा है। अब वे अपना हक लड़ कर ले रही है। इतना हीं नहीं इस योजना के तहत अपराधियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जा रहा है। महिला संबंधी 6211 अपराधियों को सजा दिलायी गई है।

अपर पुलिस महानिदेशक अभियोजन आशतोष पाण्डेय के मुताबिक, मिशन शक्ति अभियान के अन्तर्गत 6211 अभियुक्तों को सजा दिलाई गयी है, जिनमें 36 अभियुक्तों को मृत्यु दण्ड, 1296 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 1203 अभियुक्तों को 10 वर्ष या 10 वर्ष से अधिक का कारावास तथा 3676 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम के कारावास से दण्डित कराया गया।

महिलाओं के विरूद्ध लैंगिग, बलात्कार व अन्य गम्भीर अपराधों में 1864 अभियुक्तों को सजा दिलायी गयी है, इसमें 183 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 303 अभियुक्तों को 10 वर्ष या उससे अधिक की सजा एवं 1378 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम की सजा करायी गयी।

इस अभियान में सबसे अधिक 17 अभियुक्तों को आजीवन कारावास कराने वाला जनपद जौनपुर है। दूसरे स्थान पर संतकबीरनगर में 12 तथा तीसरे स्थान पर जनपद अलीगढ व उन्नाव में 11-11 अभियुक्तों को सजा दिलायी गयी है। दस वर्ष या उससे अधिक सजा कराने में जनपद फतेहपुर में सर्वाधिक 19 अभियुक्तों को सजा करायी गयी है। इसके तहत दूसरे स्थान पर वाराणसी एवं सीतापुर रहा जहां 17-17 अभियुक्तों को तथा तीसरे स्थान पर जनपद बदायूं रहा जहां 13-13 अभियुक्तों को सजा दिलाई गयी।

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दस वर्ष से कम सजा कराने वाले जिलों में जनपद गाजीपुर सर्वाेच्च स्थान पर रहा है, जहां सर्वाधिक 73 अभियुक्तों को सजा करायी गयी। 68 अभियुक्तों को सजा दिलाकर जनपद सीतापुर दूसरे स्थान पर तथा 51 अभियुक्तों को सजा दिलाकर जनपद इटावा तीसरे स्थान पर रहा है।

अपर पुलिस महानिदेशक अभियोजन ने बताया कि इस वर्ष 01 जनवरी से 31 मार्च तक महिला सम्बन्धी अपराधों के लिए 05 अभियुक्तोें को मृत्यु दण्ड, 192 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 265 अभियुक्तों को दस वर्ष से अधिक का कारावास तथा 843 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम के कारावास से दण्डित कराया गया है।

यह भी उल्लेखनीय है कि मिशन शक्ति फेज-एक एवं फेज-दो की अवधि में (17 अक्टूबर 2020 से 31 मार्च 2021 तक) कुल 12 अभियुक्तों को मृत्यु दण्ड, 506 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 456 अभियुक्तों को दस वर्ष या दस वर्ष से अधिक का कारावास तथा 1285 अभियुक्तों को दस वर्ष से कम के कारावास से दण्डित कराया गया है। मिशन शक्ति फेस-तीन (21 अगस्त 2021 से 31 दिसम्बर 2021 तक) में कुल 19 अभियुक्तों को मृत्यु दण्ड, 598 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 482 अभियुक्तों को दस वर्ष या दस वर्ष से अधिक का कारावास तथा 1548 अभियुक्तों को दस वर्ष से कम के कारावास से दण्डित कराया गया है।

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उन्होंने बताया कि पॉक्सो न्यायालयों में इस वर्ष विगत 25 मार्च से 16 जुलाई तक की अवधि में प्रदेश में 892 अभियुक्तों को सजा करायी गयी, जिनमें से 145 को आजीवन कारावास, 291 को 10 वर्ष या उससे अधिक की सजा तथा 456 अभियुक्तोें को 10 वर्ष से कम की सजा करायी गयी है। पॉक्सो अधिनियम में सबसे अधिक 16 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा वाराणसी जनपद में करायी गयी है।

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