लखनऊ। महिलाओं अपराधों का बोलबाला, आधी आबादी के दबे कुचले अधिकार… साल 2017 से पहले की ये तस्वीर उत्तर प्रदेश की महिलाओं की थी। सर्वाधिक आबादी वाले प्रदेश में महिलाएं योजनाएं से कोसों दूर थी पर जब यूपी की कमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभाली तो प्रदेश में स्वर्णिम योजनाओं से प्रदेश की महिलाओं के पक्ष में बदलाव को बयार दिखाई दी।
सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के संकल्प को प्रदेश सरकार ने पूरा करने का काम किया है। एक ओर जहां मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना राष्ट्रीय आजीविका मिशन बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ बीसी सखी योजना बिजली सखी योजना समेत अन्य योजना महिलाओं के लिए ढाल बनी हैं वहीं एंटी रोमियो स्क्वॉड, पिंक बूथ, वन स्टॉप सेंटर से महिलाओं को सुरक्षा कवच मिला है।
यूपी में महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं। जिसका ही परिणाम है कि महिलाओं व बेटियों की शिकायतों का तेजी से निस्तारण व मनचलों पर कड़ी कार्रवाई हो रही है। मार्च 2017 से अब तक के आंकडों के अनुसार वुमेन पावर लाइन 1090 पर मार्च 2017 से अब तक अलग अलग मामलों में दर्ज शिकायतों में से 99.7 प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है।
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चार वर्षों में वुमेन पावर लाइन के तहत 1193078 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से 1167898 से अधिक का निस्तारण हो चुका है। जुलाई 2020 से वुमेन पावर लाइन के ही तहत फैमिली फ्रेंड एवं रिलेटिव की काउंसलिंग की भी शुरुआत की गई।
महिला अपराधों के मामलों में सजा देने में यूपी नंबर वन
एनसीआरबी 2019 के अनुसार, महिलाओं के विरूद्ध अपराधों में सज़ा दिलाने में भी देश में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराधों के अंतर्गत वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2019 में बलात्कार के अपराधों में 36.04 प्रतिशत, दहेज मृत्यु में 2.5 प्रतिशत एवं अपहरण के अपराधों में 10.04 प्रतिशत की कमी आई है।
मिशन शक्ति अभियान के तहत महिला सुरक्षा के लिए 1535 थानों में शक्ति मोबाइल, महिला हेल्पडेस्क के जरिए अराजक तत्वों को चिन्हित करने का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही उन लोगों के परिवार के जिम्मेदार सदस्य की सोशल काउंसलिंग व उनसे सदाचारिता के शपथ पत्र भी भरवाए जा रहे हैं।