लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पुलिस मित्र तो नहीं बन सकी, लेकिन अत्याचार और अन्याय का पर्याय जरूर बन गई है।
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श्री यादव ने शनिवार को बयान जारी कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पुलिस महानिदेशक जितने प्रवचन दें, लेकिन पुलिस की कार्यशैली बदलने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के जंगलराज में पुलिस मित्र तो नहीं बन सकी, अत्याचार और अन्याय का पर्याय जरूर बन गई है। अपराधियों को जरा भी खौफ नहीं रह गया है। वे बेखौफ हो भी क्यों न जब पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी भी उनकी साजिशों में शरीक हो जाते हैं। उत्तर प्रदेश में जनता के जानमाल की सुरक्षा नहीं रह गई है।
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श्री यादव ने कहा कि अलीगढ़ में ज्वैलर्स के यहां गनप्वाइंट पर 35 लाख के गहने और 40 हजार की नकदी लूट कर अपराधी फरार हो गए। इस दिनदहाड़े हुई लूट से जनता अपने को असुरक्षित महसूस करती है। लोगों में भय है कि अब भाजपा राज में उनकी सुरक्षा नहीं हो सकती है। यह प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था की ज्वलंत मिसाल है।
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उन्होंने कहा कि लोगों में असुरक्षा और दहशत के पीछे यह भी कारण है कि स्वयं प्रशासन में ऊंचे पदों पर बैठे अधिकारी भी अपराधियों के संरक्षणदाता बन रहे हैं। आईएएस-आईपीएस जब दबंगों और जनता को ठगी से लूटने वालों की तरफदारी करेंगे तो जनता किससे न्याय की आशा करे?
श्री यादव ने कहा कि बिजनौर में तो एक महिला पुलिसकर्मी को अपने अपर पुलिस अधीक्षक से ही खतरा लगा है तो फिर कहां है कानून का राज? महिला पुलिस ही सिस्टम में बैठे भेडियों से सुरक्षित नहीं है।