लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सचिवालय की सुरक्षा में शुक्रवार को एक बार फिर सेंध लगी है। विकास दुबे के खजांची जय वाजपेयी के साथ ही टेंडर घोटाले में गिरफ्त में चार पत्रकारों के फर्जी पास की मदद से सचिवालय में घुसने की घटना के बाद शुक्रवार को फिर बड़ा मामला सामने आया है। आज दो घंटे में दो लोगों ने गाड़ी पर फर्जी पास के साथ घुसने का प्रयास किया है। इनको सुरक्षाकर्मियों ने रोकने के साथ पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
सचिवालय में सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ ही डिप्टी सीएम तथा मंत्रियों के साथ शीर्ष अधिकारियों का आवागमन होता रहता है। ऐसे में फर्जी पास की मदद से यहां घुसने वाले बड़ा खतरा बन सकते हैं। यह न सिर्फ गोपनीय फाइलों के लिए खतरा बनते हैं, बल्कि मंत्रियों के स्टाफ की मिलीभगत से बड़ा कारनामा कर देते हैं।
पायल देव: “अब महिला रचनाकारों के खिलाफ अधिक पूर्वाग्रह नहीं हैं”
विधानसभा सचिवालय में शुक्रवार को सुबह करीब 11 बजे अभय प्रताप सिंह नाम के युवक ने फर्जी वाहन पास से घुसने की कोशिश की। वहां पर गेट नंबर सात पर तैनात सुरक्षाकर्मी अभय कुमार पाण्डेय ने उसे रोक लिया। जिस टोयटा फॉर्च्यूनर गाड़ी से उसने प्रवेश किया, वह दिल्ली का नंबर (डीएल10 सी जी 2190) है।
उसके पास मिले वाहन पास पर गाड़ी का नंबर (यूपी- 78 डीडी 2454) दर्ज है। पूछताछ में युवक ने बताया कि वह गोमती नगर का रहने वाला है। उसने जो सचिवालय पास दिखाया उसमें उसका पदनाम सहायक समीक्षा अधिकारी (संविदा) लिखा है।
इसके बाद कूटरचित सचिवालय पास से सचिवालय में प्रवेश करने की कोशिश करने वाले इस युवक से मुख्य सुरक्षा अधिकारी जिलाजीत चौधरी ने रोक लिया है। उससे पूछताछ जारी है। इसके एक घंटा बाद ही गेट नम्बर सात से फर्जी वाहन पास से सचिवालय में प्रवेश करते हुए एक व्यक्ति पकड़ा गया। वह टोयोटा की इनोवा पर फर्जी वाहन पास लगाकर प्रवेश कर रहा था। उससे भी पूछताछ जारी है।