व्यापार नीति में लचीलेपन के जरिये खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रानिक्स,कपड़ा और दवा समेत अन्य व्यापारिक गतिविधियों को आसान करने में सफल उत्तर प्रदेश ने पिछले चार सालों के दौरान ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में 12 वें स्थान से छलांग लगाकर दूसरा स्थान हासिल किया है।
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि यूपी के सिंगल विंडो क्लियरेंस-निवेश मित्र पोर्टल ने इसमें अहम भूमिका अदा की है। योगी सरकार के कार्यकाल में 46 जिलों में 215 उद्योग लगे हैं और इन उद्योगों में से 1,32,951 लोगों को रोजगार मिला है।
उन्होने बताया कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की ओर से आयोजित संगोष्ठी में बंगलुरु के उद्यमी संजीव निशट्टल ने कहा कि यूपी के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने में 2018 में आयोजित हुए इंवेस्टर्स समिट में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। देश-विदेश के उद्योगपतियों ने यूपी सरकार की सराहना करते हुए 1045 प्रस्ताव सरकार को सौंपें। सरकार उद्योग धन्धो को लेकर गंभीर है। साल 2019 में पचास हजार करोड़ के उपर के निवेश यूपी मे हुए है।
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श्री निशट्टल ने कहा कि प्रदेश सरकार की रोजगार योजना में प्रवासी श्रमिकों को यूपी में ही माइक्रो लेवल बिजनेस शुरू करने के लिए किसी व्यक्ति को 25 प्रतिशत अपनी तरफ से तथा 70 प्रतिशत बैंक की तरफ से अपने विश्वास पर लोन दिलाएगी। इंफ्रास्ट्रक्चर में हो रहे आमूलचूल परिवर्तन को भी उन्होंने जमकर सराहा। उन्होंने जेवर एयरपोर्ट, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे,गंगा एक्सप्रेस वे को बिजनेस के लिए जरूरी बताया। लखनऊ में तैयार हो रहे डिफेंस कॉरिडोर और फिल्म सिटी जैसी परियोजनाओं को उन्होंने निवेश के क्षेत्र के लिए उत्तम बताया। उन्होने अयोध्या को विश्व स्तरीय शहर बनाने संबंधी सरकार की योजना का स्वागत किया।
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए जेएनयू के प्रोफ़ेसर रुचिर गुप्ता ने कहा कि आजादी के कई वर्षो तक उद्योग और व्यवसाय को उपेक्षा का शिकार रहना पड़ा। मौजूदा केंद्र और यूपी की सरकार ने इस क्षेत्र में उद्यमियों के मन को छुआ और कई उपयोगी नीतियां बनाई। सरकार ने टैक्स और बिजली चोरी रोककर व्यापार में स्पर्धा की पारदर्शिता बनाई।