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यूपी ने 624.33 लाख मीट्रिक खाद्यान्न उत्पादन का फिर बनाया नया रिकॉर्ड

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कोरोना संक्रमण के प्रकोप के बीच सूबे में गेहूं खरीद की रफ्तार लगातार बढ़ रही है। अब तक खाद्यान्न उत्पादन 624.33 लाख मीट्रिक टन हो चुका है जो प्रदेश के लिये फिर एक एक नया रिकॉर्ड है।

प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सोमवार को बताया कि सरकार 6.71 लाख कृषकों से 33.77 लाख मी. टन गेहूं खरीद कर चुकी है, जो गतवर्ष से बहुत अधिक है। आधार आधारित खरीद और पीएफएमएस के माध्यम से 13.05 लाख किसानों को लाभ पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि वर्षा की चेतावनी को देखते हुए सरकार के निर्देश पर सभी क्रय केन्द्रों पर रखे गेहूं को विधिवत सुरक्षित करके रखा गया है। जिससे वर्षा के दौरान गेहूं खराब न हो सके।

कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने गेहूं खरीद में क्रांति लाते हुए पहली बार मंडियों में न केवल अत्याधुनिक सुविधाओं को बढ़ाया बल्कि किसानों के लिये मंडियों में पानी, बैठने के लिये छायादार व्यवस्था और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के सख्त निर्देश भी दिये। कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) को गेहूं खरीद में शामिल कर प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया गया। किसानों को उनके खेत के 10 किमी के दायरे में गेहूं खरीदकर उनकी दिक्कतों को भी कम करने का काम किया।

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प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सोमवार को गेहूं खरीद और उसके भंडारण के सम्बन्ध में सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों का गेहूं बिना तौल भीग जाने का आरोप लगाया जिसको सिरे से खारिज करते हुये श्री शाही ने कहा कि आरोप वास्तविकता से परे है। वर्षा की चेतावनी से सभी केंद्र प्रभारियों को समय से अवगत करा दिया गया था, जिसके कारण क्रय केन्द्रों पर रखा हुआ गेहूं को विधिवत कवर करके रखा गया था और कहीं से भी गेहूं के खराब होने की सूचना प्राप्त नहीं हुयी है।

कृषि मंत्री ने साफ किया है कि 21 मई को सभी सम्भागीय खाद्य नियंत्रकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की गयी थी, जिसमें अवगत कराया गया कि उनके संभाग में किसी क्रय केन्द्र पर संग्रहित गेहूं वर्षा से भीगकर खराब नहीं हुआ।

उन्होने कहा कि योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में अब तक गन्ना किसानों को 1,35,295.57 करोड़ रूपए का रिकॉर्ड भुगतान किया है। पेराई सत्र 2019-20 में रूपये 35,898.85 करोड़, 2018-19 में रुपये 33,048.06 करोड़, 2017-18 के रुपये 35,440.91 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। यूपी सरकार पूर्व की सरकार के कार्यकाल एवं पूर्व पेराई सत्रों का रुपये 10,661.09 करोड़ बकाया भी गन्ना किसानों को भुगतान कर चुकी है ।

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