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उत्तर प्रदेश अनंत संभावनाओं वाला प्रदेश, इसके हर जिले में अवसर है: सीएम योगी

cm yogi

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने मंगलवार को प्रदेश के समस्त औद्योगिक विकास प्राधिकरणों और यूपीसीडा द्वारा औद्योगिक निवेश को बढ़ाये जाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की। यूपीसीडा, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यीडा, बीडा भदोही, सीडा जौनपुर और गीडा गोरखपुर के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री ने उनकी वर्तमान परियोजनाओं और भावी कार्ययोजना की भी समीक्षा की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi)  ने कहा कि उत्तर प्रदेश अनंत संभावनाओं वाला प्रदेश है। हर जिले में अवसर है। इन अवसरों-संभावनाओं को विकास परियोजनाओं में बदलने के लिए औद्योगिक विकास प्राधिकरणों की भूमिका अहम है। फरवरी 2018 में पहले इन्वेस्टर समिट में हमें चार लाख 68 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए राज्य ने 10 लाख करोड़ का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य के लिए औद्योगिक विकास प्रधिकरणों को हर जरूरी तैयारी कर लेनी चाहिए।

प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश के औद्योगिक विकास अनुकूल माहौल ने दूसरे देशों को निवेश के लिए आकर्षित किया है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने की हमारी नीतियों के अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। अकेले यूपीसीडा के माध्यम से बीते दो वर्ष में सात देशों से 3200 करोड़ से अधिक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है। इसमें यूनाइटेड किंगडम और यूएसए से करीब 1250-1250 करोड़, इटली से 250 करोड़, कनाडा से सवा सौ करोड़, फ्रांस से प्राप्त 300 करोड़ से अधिक का एफडीआई शामिल है। इनसे 9000 से अधिक का रोजगार सृजन भी हुआ है।

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यूपीसीडा पहला प्राधिकरण है, जहां ई-ऑक्शन से औद्योगिक भूखंड आवंटित किए जाते हैं। तकनीक की मदद से हुए व्यवस्था के सरलीकरण का ही परिणाम है कि बीते दो वर्ष में 587 औद्योगिक भूखंड आवंटित किए गए हैं। कोरोना के चुनौतीपूर्ण माहौल के बीच बीते दो वर्ष में ऐसा पहली बार हुआ कि दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, केरल, तेलंगना, तमिलनाडु, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल से प्रतिष्ठित इकाइयों यूपीसीडा के माध्यम से प्रदेश में 3700 करोड़ से अधिक का निवेश किया है। केवल यूपीसीडा के अंतर्गत बीते पांच वर्ष में 2749 नई औद्योगिक इकाइयां क्रियाशील हो चुकी हैं, जबकि 2400 से अधिक इकाइयां निर्माणाधीन हैं।

प्राधिकरणों को अपने दैनिक कार्य व्यवहार मे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अनुसार काम करना होगा। किसी निवेशक की एमओयू से लेकर इकाई स्थापना तक हर प्रक्रिया सुगमता से पूरी हो। उसे इंडस्ट्रियल एरिया में सड़क, स्ट्रीट लाइट, ड्रेनेज की अच्छी व्यवस्था मिले तो यह प्राधिकरण के प्रति निवेशक के मन मे अच्छी धारणा का निर्माण करेगा।

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भविष्य के दृष्टिगत सभी प्राधिकरणों को लैंडबैंक विस्तार के लिए मिशन मोड में काम करना होगा। आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से पहले हमें अपने इंडस्ट्रियल लैंड बैंक को अधिकाधिक विस्तार देना होगा। प्रदेश के विकास की दृष्टि से उपयोगी औद्योगिक इकाइयों के लिए भूमि की कोई कमी नहीं है। अकेले यूपीसीडा के पास 12000 एकड़ से अधिक का लैंडबैंक है। नोएडा विकास प्राधिकरण ने औद्योगिक, वाणिज्यिक, ग्रुप हाउसिंग के लिए करीब 915 एकड़ का लैंडबैंक आवंटन के लिए आरक्षित कर लिया है। इन प्रयासों को और तेज किया जाए।

भदोही औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा स्थानीय शिल्पकला को औद्योगिक स्वरूप देने के लिए अच्छा प्रयास किया गया है। निर्यात प्रोत्साहन के लिहाज से बीडा की इकाइयों की भूमिका महत्वपूर्ण है। अक्टूबर में यहां इंटरनेशनल कालीन एक्सपो भी आयोजित होने जा रहा है। प्राधिकरण प्रयास करे कि वाराणसी की कालीन इकाइयां भी भदोही की ओर आकर्षित हों। बीडा को अपना लैंड बैंक बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास करना होगा।

यमुना इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी में अपैरल पार्क, एमएसएमई, टॉय पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क, लॉजिस्टिक पार्क, डाटा सेंटर पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क जैसे क्लस्टर आधारित 07 इंडस्ट्रियल पार्कों का विकास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के प्रोत्साहन के उपरांत उत्तर प्रदेश पहला राज्य होगा, जहां टॉय पार्क स्थापित किया जा रहा है। इसके लिए टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधियों से भी संवाद किया जाए। अपैरल पार्क महिला स्वावलंबन में 80% से अधिक महिलाएं ही सेवायोजित होंगी। यह पार्क रोजगार सृजन की दृष्टि से अत्यन्त उपयोगी होंगे। इसकी कार्यवाही समयबद्ध रूप से पूरी की जाए। निवेशकों को भूमि आवंटन में अनावश्यक देरी न हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आवासीय और औद्योगिक दृष्टिकोण से नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र की उन्नति सराहनीय है। प्रदेश सरकार इन क्षेत्रों में दोनों ही प्रकार की गतिविधियों को प्रोत्साहित कर रही है। अकेले नोएडा में 2012-17 के बीच मात्र 63 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक इकाइयों को आवंटित की गई जबकि 2017-22 के बीच 196 हेक्टेयर भूमि दी गई। यह स्थिति अच्छी है। ऐसे प्रयास आगे भी जारी रखें जाएं।

कन्नौज में प्रस्तावित इत्र पार्क, मेगा फ़ूड पार्क, बहेड़ी बरेली जैसे प्रोजेक्ट स्थानीय उद्यम को प्रोत्साहन देने और रोजगार सृजन के लिहाज से बहुत उपयोगी होंगे। इनकी स्थापना की कार्यवाही तेजी से पूरी की जाए। इन विशेष औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमियों की जरूरत के अनुसार सुविधाओं का विकास किया जाए।

उन्होंने कहा कि कला-मनोरंजन जगत के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इंफोटेनमेंट सिटी (फ़िल्म सिटी) के विकास की कार्यवाही में तेजी की जरूरत है। इसके लिए वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित स्टूडियो, प्रोडक्शन हाउसेज, विशेषज्ञों से परामर्श किया जाए। पीपीपी मॉडल के आधार पर विकसित होने जा रही यह इंफोटेनमेंट सिटी दुनिया भर के कला-मनोरंजन जगत को उत्तर प्रदेश का उपहार होगी।

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण अंतर्गत ”गंगाजल परियोजना” आमजन को पेयजल की सुलभ उपलब्धता की दृष्टि से बहुत उपयोगी सिद्ध होगी। इसे समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाया जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रुप हाउसिंग की परियोजनाओं में प्रायः बिल्डर-बायर्स के बीच विवाद की स्थिति देखने को मिलती है। प्राधिकरणों को इस संबंध में विशेष प्रयास करना होगा। यह सुनिश्चित किया जाए कि हाउसिंग परियोजनाएं समय से पूरी हों, खरीदारों से किए गए समझौते के अनुरूप ही परियोजना पूरी हो। आवास की रजिस्ट्री समय से हो।

औद्योगिक क्षेत्र के पास ही टाउनशिप के विकास भी किया जाए। औद्योगिक इकाइयों में कुछ कर्मचारी स्थायी होते हैं तो कुछ अस्थायी होते हैं। हमारा प्रयास हो कि इन लोगों को उनके कार्यस्थल के पास ही आवास की सुविधा मिल सके। श्रमिकों के लिए डॉरमेट्री आवास भी बनाये जा सकते हैं। इसके लिए औद्योगिक इकाइयों से संवाद भी करना चाहिए। औद्योगिक इकाइयों का विकास करते समय वहां स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता पर भी ध्यान दिया जाए।

यूपीसीडा में 2017-18 की तुलना में 2021-22 में आवासित भूखण्डों की संख्या में 242 प्रतिशत, पूंजी निवेश में 377 प्रतिशत रोजगार सृजन में 452 फीसदी की सराहनीय बढ़ोतरी देखी गई है। चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 126 आवासित भूखंड हो चुके हैं, जबकि 6908 करोड़ का पूंजी निवेश हुआ है। विगत दो वर्षों में पिछले तीन वर्षों की तुलना में निवेश प्रवाह में ढाई गुना की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जबकि रोजगार सृजन दोगुने से ज्यादा हुआ है। कोविड महामारी के बाद भी यह उपलब्धि संतोषप्रद है।

नोएडा परिक्षेत्र में स्थापित गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के लिए नोएडा अथॉरिटी द्वारा पूर्व में दिया जा रहा वित्तीय सहयोग जारी किया जाए। विश्वविद्यालय के विकास के लिए यह सहयोग आवश्यक होगा।

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