यूपी एसटीएफ ने भारतीय नागरिकों से विवाह, लाटरी आदि के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले अन्तर्राष्ट्रीय फ्राड करने वाले गैंग के चार नाइजीरियन नागरिकों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों की देश में रहने की वीजा अवधि समाप्त हो गयी थी। वह अवैध रूप से रह रहे थे। इस संबंध में नाइजीरियन दूतावास से संपर्क साधा जा रहा है।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार किये गये आरोपियों में माईकल चियागोजियमा निवासी अवका अनम्बरा स्टेट, नइजीरिया, फ्रैन्सिस इमैका उडाला निवासी माइस अवका, अनमबरा स्टेट, नाइजीरिया, नेल्सन चियागोजियमा निवासी अवका अनम्बरा स्टेट, नइजीरिया और पैट्रिक चकोडी उडाला निवासीमाइस अवका, अनमबरा स्टेट, नाइजीरिया हैं। इनके पास से 34 मोबाईल फोन, 7 लैपटाप, 13 इण्डियन सिम कार्ड, 3 नाइजीरियन सिम कार्ड, 3 यूके सिम कार्ड, 45 एटीएम कार्ड (विभिन्न इण्डियन बैंक), एटीएम कार्ड (नायरा बैंक नाइजीरिया, 7 चेक बुक, 82 बैंक पासबुक (मिजोरम व नागालैण्ड की बैंक शाखाओं के), 10 बैंक पासबुक (एनसीआर की बैंक शाखाओं के), 7 वाई-फाई डोंगल, 10 पासपोर्ट, 5 पेन ड्राइव, 7 लैपटाप चार्जर, 3 माउस, 2200 नायरा (नाइजीरियन करेन्सी, 4,790/- (इण्डियन करेन्सी), 3 वीजा। (जिनकी वैलीडिटी समाप्त हो चुकी है) और 3 येलो कार्ड बरामद हुए हैं। इन आरोपियों की धरपकड़ साउथ दिल्ली के गोविन्दपुरी से की गयी है।
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दरअसल, गत 30 मई 2020 को थाना कोतवाली हरदोई पर धारा 420 व 66डी आईटी एक्ट का अभियोग एक सहायक अध्यापिका बेसिक शिक्षा परिषद हरदोई द्वारा पंजीकृत कराया गया था। अभियोग की विवेचक श्वेता त्रिपाठी द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ से अभियोग के अनावरण में सहयोग करने के लिए कहा गया। प्रथम सूचना रिपोर्ट से पता चला कि अभियोग की वादिनी द्वारा वेब साईट पर सुटेबल मैच के लिए अपनी प्रोफाईल पोस्ट की थी, जिसके जवाब में एक फ्राडस्टर ने यूनाइटेड किन्गडम के वर्चुवल नम्बर से मैसेजिंग व व्हाट्सएप चैटिंग शुरू की गयी। कुछ समय बाद वादिनी को एक गिफ्ट पार्सल भेजकर सम्बन्धित कोरियर कम्पनी का लिंक एवं ग्लोबल ट्रैकिंग नम्बर दिया गया। ट्रैक करने पर पार्सल दिल्ली एअरपोर्ट पर कस्टम फीस के लिए रोका जाना दिखा रहा था।
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इस सम्बन्ध में स्वयं को इन्दिरा गांधी इन्टरनेशनल एयरपोर्ट नई दिल्ली की कस्टम शाखा का अधिकारी बताकर एक लेडी द्वारा वादिनी से कस्टम फीस के लिए, पार्सल स्कैनिंग में विदेशी मुद्रा पाउण्ड होने के कारण अतिरिक्त कस्टम शुल्क एवं इनकम टैक्स क्लियरेन्स के लिए भिन्न-भिन्न बैंक खातों में लगभग 7.50 लाख रुपए की रकम जमा करायी गयी। पुन: विदेशी मुद्रा को भारतीय मुद्रा में कन्वर्ट करने के लिए 7.37 लाख रुपए जमा कराने की बात पर वादिनी को उसके साथ ठगी का अंदेशा होने पर अभियोग उनके द्वारा पंजीकृत कराया गया। फ्राडस्टर्स द्वारा जिन खातों में पैसा जमा कराया गया वह पूर्वोत्तर भारत के नागालैण्ड व मिजोरम प्रान्तों के बैंक खाते थे, जिनके स्टेटमेन्ट से पता चला कि इनमें पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, आन्ध्रप्रदेश, तेलंगाना आदि प्रान्तों के एसके स्मिती, पी हर्ष, सैन्थिल कुमार, साब्यसाची मजुमदार, डी अनुसुईया, प्रियंका, वन्दना गिरी, थिरूप, शकुन्तला, दीक्षा गुप्ता आदि द्वारा भी पैसे जमा कराये गये थे।
रैण्डम आधार पर इनमें से कुछ व्यक्तियों जैसे सैन्थिल कुमार व डी अनुसुईया से इन खातों में पैसा जमा कराने के औचित्य की जानकारी करने पर जानकारी मिली कि कि टी एस रमेश निवासी बालापेट बेल्योर तमिलनाडू द्वारा कोकोकोला रिलिफ फण्ड के नाम पर उनसे पैसा इस कमिटमेंट के साथ जमा कराया गया कि कुछ माह उपरान्त चार गुना रकम वापस कर दी जायेगी। यह भी जानकारी मिली कि टीएस रमेश बेल्लोर के एक धार्मिक संस्था में कैटरिंग का काम करता है तथा स्वंय को युगाण्डा निवासी टोनी डेनिस के लिए काम करना बताता है और स्वंय युगाण्डा सहित विभिन्न देशों के वर्चुवल नम्बर के माध्यम से टोनी डेनिस से कान्फ्रेसिंग कर बात कराता है।
एसटीएफ द्वारा की गयी जांच में पता चला कि घटना से सम्बन्धित फ्राडस्टर्स गैंग के तार साउथ दिल्ली के गोविन्दपुरी व तुगलकाबाद थाना क्षेत्र में रह कर आनलाईन फ्राड करने वाले नाइजीरियन गिरोह से जुड़े है। इस सूचना को विकसित करने के लिए एसटीएफ की टीम दिल्ली गयी और वहां पर छापेमारी कर चार नाईजीरियन नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार अभियुक्तों के वीजा पासपोर्ट के बारे में जांच की गयी तो पता चला कि माइकल, पैट्रिक व नेलसन के पासपोर्ट वैध है, पर वीजा की अवधि कई माह पहले ही समाप्त हो चुकी है। इसी प्रकार फ्रैन्सिस की वीजा अवधि भी समाप्त हो चुकी है, इसने अपना पासपोर्ट किसी ब्रोकर को वीजा से सम्बन्धित कार्य के लिए दिया हुआ है। चारों गिरफ्तार अभियुक्तों के भारत में अवैध रूप से निवास करने के कारण इनके विरूद्ध केस दर्ज किया गया। छानबीन से यह भी पता चला कि इन चारो अभियुक्तों ने वर्ष 2019 में मेडिकल ग्राउण्ड पर अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली में हार्ट ट्रीटमेन्ट के लिए वीजा लिया था। इन्ही की तरह इस गैंग के बहुत सारे नाइजीरियन गलत तरीके से मेडिकल वीजा पर भारत आकर वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी लम्बे समय तक निवास करते है और आन लाइन फ्राड व ड्रग रैकेट के अपराध में संलिप्त रहते है। सम्बन्ध में सम्बन्धित दूतावास से अलग से पत्राचार भी किया जा रहा है।
एसटीएफ के आईजी ने बताया कि इस गिरोह के बारे में आईबी, फारेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन आफिसर, इनकम टैक्स विभाग और प्रवर्तन निदेशालय, (ईडी) को सूचना दी गयी है।