स्वास्थ्य डेस्क. कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सराहना की है. राज्य ने देश में कोरोना महामारी को लेकर अब तक सबसे ज्यादा जांच की हैं. बता दें की भारत में उत्तर प्रदेश जनसँख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है. ऐसे में इतने सारे लोगों की जांचे करना काफी चुनौती भरा है. WHO ने कहा कि उच्च जोखिम वाले संपर्कों की प्रारंभिक जांच और उनकी ट्रैकिंग करके यूपी को कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ने में काफी मदद मिल सकी है.
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WHO की ओर से कहा गया कि कोरोना महामारी से निपटना उत्तर प्रदेश जैसे किसी बड़े राज्य के लिए चुनौतीपूर्ण था। ऐसे में राज्य सरकार ने योजना के तहत लोगों की जांच की। कोरोना मरीजों के संपर्क में आए लोगों का पता करके उनकी जांच की गई और बेहतर निगरानी के चलते काफी सफलता मिली।
कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग बेहतर उपाय
डब्ल्यूएचओ इंडिया के प्रतिनिधि डॉ. रोडेरिको टूरीन ने कहा कि बीमारी के प्रकोप को रोकने के लिए कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग एक जरूरी उपाय था। ऐसे में यूपी सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग को आगे बढ़ाते हुए Covic-19 की रणनीति बनाई। जो कि अन्य लोगों के लिए एक अच्छा उदाहरण के रूप में काम कर सकती है।
कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग के लिए 70,000 से अधिक फ्रंट-लाइन वर्कर
यूपी सरकार के राज्य निगरानी अधिकारी विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि 70,000 से अधिक फ्रंट-लाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के एक विशाल कार्यबल ने कोविद -19 पॉजिटिव मामलों के कॉन्ट्रैक्ट को सूचीबद्ध किया। ऐसा करने से महामारी को रोकने में हमें काफी सफलता मिली। अग्रवाल ने कहा कि हालांकि, स्टेल लेवल कॉन्ट्रैक्ट की गुणवत्ता का मूल्यांकन करना चाहते थे, जिसके लिए डब्ल्यूएचओ को स्वतंत्र मूल्यांकन एजेंसी के रूप में प्रस्तुत किया गया था, जब कोविद -19 मामलों का चलन बढ़ रहा था।