• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

अगले तीन से चार साल में खुद की दाल खाएगा यूपी

Writer D by Writer D
08/07/2024
in उत्तर प्रदेश, राजनीति, लखनऊ
0
Pulses

pulses

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

लखनऊ । अगले तीन चार साल में दलहन उत्पादन (Pulses Production में उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भर हो जाएगा। यह योगी सरकार का लक्ष्य है। इस बाबत उनके निर्देश पर किए गए सात साल के नतीजे शानदार रहे हैं। 2016/217 से 2023/2024 के दौरान दलहन उत्पादन में करीब 36% की वृद्धि इसका सबूत है। इस दौरान दलहन Pulsesका उत्पादन 23.94 लाख मिट्रिक टन से बढ़कर 32.55 लाख मिट्रिक टन हो गया। दलहन का रकबा और प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की मदद से योगी सरकार किसानों का हर संभव मदद कर रही है।

ये है सरकार की कार्ययोजना

प्रदेश में दलहन Pulsesउत्पादन बढ़ाने के लिए अरहर, उर्द एवं मूँग की कार्य-योजना योगी सरकार द्वारा तैयार कर ली गयी। इसके तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजनान्तर्गत 27200 हेक्टेयर फसल प्रदर्शन आयोजित होंगे। इसी क्रम में दलहन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजनान्तर्गत 31553 कुंतल बीज वितरण एवं 27356 कुंतल प्रमाणित बीज उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बीज व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 14 सीड हब तैयार किए गए हैं। इनके जरिए 21000 कुंतल बीज उत्पादन किया जायेगा।

10500 किसानों में अरहर की उन्नतशील प्रजातियों के

मिनीकिट्स बांटे जाएंगे। इसी तरह पिछले साल की तरह इस साल भी दलहनी के अन्य फसलों मूंग ,उर्द आदि के भी मिनिकिट बांटे जाएंगे। दलहनी फसलों के उत्पादन के बाद बाजार में उपज का वाजिब दाम दिलाने के लिए सरकार ने इन सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की व्यवस्था भी सुनिश्चित कर रही है। किसान इनके उत्पादन के लिए प्रोत्साहित हों इनके लिए अन्य फसलों की तुलना में हर इनके एमएसपी में भी अधिक वृद्धि कर रही है।

बुंदेलखंड में विकसित होंगे आदर्श दलहन ग्राम

दलहन उत्पादन में अग्रणी बुंदेलखंड के जिलों-बाँदा, महोबा, जालौन, चित्रकूट एवं ललितपुर में आदर्श दलहन ग्राम विकसित किये जायेंंगे। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश दलहन Pulsesका सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता राज्य है। पर, अभी उपभोग का आधा ही उत्पादन प्रदेश में होता है। रणनीति के अनुसार तय समयावधि में प्रति हेक्टेयर उपज 14 से बढ़ाकर 16 कुंतल करने का है। कुल उपज का लक्ष्य 30 लाख टन है। इसके अलावा करीब 1.75 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त रकबे को दलहन की फसलों से आच्छादित करने की भी तैयारी है।

सरकार इसके लिए दलहन की परंपरागत फसलों की उन्नत और अधिक उपज देने वाली प्रजातियों के बीज उपलब्ध कराएगी। कुछ प्रगतिशील किसानों के वहां इनका प्रदर्शन भी होगा। किसानों को बड़ी संख्या में बीज के निशुल्क मिनीकिट भी दिए जाएंगे। यह क्रम जारी भी है। साथ ही फोकस कम समय में होने वाली मूंग, उर्द (उड़द) आदि की फसलों पर होगा। इनकी सहफसली खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

असमतल भूमि और सहफसली खेती पर होगा जोर

इसके अलावा असमतल भूमि पर स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली का प्रयोग करते हुये उत्पादन में वृद्धि, फरो एंड रिज मेथड से खेती कर उत्पादन में वृद्धि और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की गारंटी भी सरकार दे रही है। दरअसल खाद्यान्न में रिकॉर्ड उत्पादन के बाद सरकार अब खाद्यान्न सुरक्षा से एक कदम आगे पोषण सुरक्षा के बारे में सोच रही है। इसमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका दलहनी फसलों की होगी। वजह आम आदमी, खासकर शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का एक मात्र स्रोत दाल ही है।

टी20​ विश्व कप चैंपियन बनने के बाद सीएम योगी से मिले कुलदीप यादव

खपत की तुलना में पैदावार कम होने से अक्सर कुछ वर्षों के अंतराल पर दाल के दाम सुर्खियों में रहते हैं। ऐसा होने पर आम आदमी के थाल की दाल पतली हो जाती है। गरीब के थाल से तो गायब ही। प्रोटीन का स्रोत होने के नाते आम आदमी खासकर गरीबों की सेहत के लिए भोजन में दाल जरूरी है। इसी तरह नाइट्रोजन फिक्ससेशन गुण के कारण दलहनी फसलें भूमि के लिए भी संजीवनी हैं।

आत्मनिर्भरता से विदेशी मुद्रा भी बचेगी

भारत दुनिया का सबसे बड़ा दाल (Pulses) का उत्पादक, उपभोक्ता और आयतक है। सर्वाधिक आबादी के नाते इस उपभोग का सर्वाधिक हिस्सा यूपी का ही है। ऐसे में पूरे दुनिया के दाल उत्पादक देशों (कनाडा, आस्ट्रेलिया, अमेरिका, टर्की,और म्यानमार) की नजर न केवल भारत और उत्तर प्रदेश के पैदावार बल्कि छह महीने के भंडारण पर भी रहती है। ऐसे में अगर पैदावार कम है तो यहां की भारी मांग के मद्देनजर अतंरराष्ट्रीय बाजार में दाल यूं ही तेज हो जाती है। इस पर रुपये के मुकाबले डॉलर की क्या स्थिति है, इसका भी बहुत असर पड़ता है। रुपये के मुकाबले अगर डॉलर के दाम अधिक हैं तो आयात भी महंगा पड़ता है। इस तरह दाल के आयात में देश को बहुमूल्य विदेशी मुद्रा भी खर्च करना होता है। अगर उत्तर प्रदेश दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाय तो विदेशी मुद्रा भी बचेगी।

Tags: agriculture newsLucknow Newsup newsYogi News
Previous Post

टी20​ विश्व कप चैंपियन बनने के बाद सीएम योगी से मिले कुलदीप यादव

Next Post

उत्तर प्रदेश राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद बना “अवार्डिग एंड एसेसिंग निकाय”

Writer D

Writer D

Related Posts

CM Dhami flagged off the Adi Kailash Parikrama Run
Main Slider

CM धामी ने आदि कैलाश परिक्रमा किया रन का फ्लैग ऑफ़, LOGO का किया अनावरण

21/09/2025
CM Dhami
Main Slider

युवाओं में ऊर्जा, स्वास्थ्य, अनुशासन और राष्ट्रभक्ति की भावना का प्रतीक है ‘नमो युवा रन’: सीएम धामी

21/09/2025
UPITS
उत्तर प्रदेश

UPITS 2025 : ODOP प्रदर्शनी में उत्पादों के जरिए हर जिला बताएगा अपनी पहचान, अपनी कहानी

20/09/2025
Paddy
उत्तर प्रदेश

पश्चिमी यूपी में पहली अक्टूबर से होगी धान खरीद

20/09/2025
CM Yogi inaugurated the Gomti Book Festival.
उत्तर प्रदेश

अच्छी पुस्तक हमारी योग्य मार्गदर्शक और जीवन का पथप्रदर्शक : योगी आदित्यनाथ

20/09/2025
Next Post
Awarding and Assessing Body

उत्तर प्रदेश राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद बना “अवार्डिग एंड एसेसिंग निकाय”

यह भी पढ़ें

navneet sahgal

धान खरीद पर लापरवाही बरतने पर होगी कड़ी कार्रवाई : सहगल

30/11/2020
NEET UG counseling

NEET UG काउंसलिंग राउंड 1 सीट रिजल्ट जारी, इस वेबसाइट पर देखें अलॉटमेंट की लिस्ट

24/08/2024
Bioplastics

विशेष निगरानी में होंगे उप्र के गोवंश आश्रय स्थल, शत-प्रतिशत होगी ईयर टैगिंग

23/04/2023
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version