लखनऊ। केंद्र सरकार ने वर्ष 2030 तक 9 लाख करोड़ रुपए कपड़े के निर्यात (Textile Export) का लक्ष्य रखा है। बकौल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हम इस लक्ष्य को तय डेड लाइन से पहले हासिल कर लेंगे। ऐसा हुआ तो इसमें उत्तर प्रदेश के योगी सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसकी कई वजहें हैं। उत्तर प्रदेश में इसकी बेहद संपन्न परंपरा है। इस वजह से हुनर वालों की कमी नहीं है। कुछ दशक पहले तक पूरब का मैनचेस्टर रूप में विख्यात कानपुर उत्तर प्रदेश में ही है।
वाराणसी और मुबारकपुर अपनी रेशमी साड़ियों के लिए पूरी दुनियां में जाने जाते हैं। भदोही और मीरजापुर के कालीन की भी यही शोहरत है। गौतमबुद्ध नगर रेडिमेड गारमेंट का नया हब बनकर उभरा है। लखनऊ के चिकन के कपड़ों की देश और दुनियां दीवानी है। योगी सरकार ने इस परंपरागत उद्योगों को बढ़ाने, इनके हुनर को निखारने के लिए कई योजनाएं चला रखी है। कुछ तो जिलों के (ओडी ओपी) में भी शामिल हैं। इसके तहत गोरखपुर, और कुछ अन्य जिलों ने फ्लैटेड फैक्टरी बनी हैं । गौतम बुद्ध नगर में, लखनऊ, मीरजापुर और भदोही में साल 2025 में ओडी ओपी योजना के तहत कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) स्थापित करने का लक्ष्य है। इससे एक ही छत के नीचे संबंधित जिले के ओडीओपी उत्पादों को सारी सुविधाएं मिलेगी। प्रधानमंत्री मित्र योजना के तहत लखनऊ हरदोई सीमा पर एक एक हजार एकड़ में मेगा टेक्सटाइल पार्क (Textile Park) बन रहा है।
लोक कल्याण संकल्प पत्र में भी 2027 तक किया गया था यूपी को ग्लोबल टेक्सटाइल हब (Textile Hub) बनाने का वायदा
लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 में भी भाजपा ने सत्ता में आने पर आगामी 5 वर्षों में उत्तर प्रदेश को ग्लोबल टेक्सटाइल हब (Textile Hub) बना कर, 5 लाख रोजगार या स्व-रोजगार के अवसर प्रदान करने का वायदा किया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि प्रदेश में वस्त्र उद्योग क्षेत्र में रोजगार सृजन हेतु व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं। पिछले 5 वर्षों में, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की प्रमुख योजनाओं के अंतर्गत, 118 एकड़ पर अपैरल पार्क (सेक्टर 29 में), और गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण की प्रमुख योजनाओं में फ्लैट टेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स की 80 इकाईयां और गार्मेंट् पार्क का विकास प्रारंभ किया गया। इसी विचार के तहत, गत वर्ष, प्रदेश सरकार ने टेक्सटाइल पार्क (Textile Park) और अपैरल पार्क के विकास के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किये थे।
जनपद गौतमबुद्धनगर के जेवर एयरपोर्ट के 50 कि.मी. की परिधि में तथा यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) द्वारा निर्मित किए जा रहे एक्सप्रेस-वे के किनारे प्रदेश के अन्य स्थानों पर कम से कम 5 अपैरल/गार्मेन्टिंग पार्कों की स्थापना के प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रदेश के पूर्वाञ्चल क्षेत्र को विशेष रूप से रेडीमेड गारमेंट्स सेक्टर के केंद्र के रूप में विकसित किये जाने का प्रस्ताव है। गोरखपुर जनपद में टेराकोटा के बाद रेडीमेड गारमेंट्स को गोरखपुर की एक जिला एक उत्पाद योजना (ओडीओपी) में शामिल किया गया है। टेक्सटाइल पार्क के लिए गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र (गीडा) में फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स बनाया गया है। जिसमे टेक्सटाइल यूनिट्स होंगी। साथ ही, आगरा जनपद में एक इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल व अपैरल इन्डस्ट्रीयल पार्क की स्थापित किया जा रहा है।
इन महत्वाकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ, उत्तर प्रदेश को औद्योगिक उत्पादन, रोजगार और निर्यात के क्षेत्र में देश मे अग्रणी भूमिका निभाने के अवसर मिलेंगे।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने इस सेक्टर के प्रोत्साहन के लिए आम बजट में कपास मिशन की भी घोषणा की है। साथ ही राष्ट्रीय कपास प्रोद्योगिकी मिशन के लिए 500 करोड़ रुपए आवंटित भी किए। बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता भी देश के कपड़ा उद्योग के लिए एक अवसर साबित हो सकती है। फ़िलहाल कपड़े के निर्यात में भारत का विश्व में छठा नंबर है। केंद्र सरकार ने निर्यात के लिए जिन छह रोजगारपरक क्षेत्रों की पहचान की है उनमें से यह सेक्टर भी है।
इसके अलावा अन्य सेक्टर्स हैं, कृषि एवं उससे जुड़े क्षेत्र, इंजीनियरिंग उत्पाद, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स, केमिकल, लेदर और कपड़ा। योजना के तहत सरकार का फोकस इनका निर्यात बढ़ाने पर है।इसके लिए केंद्र ने जिन देशों को सक्षम और संभावित बाजार माना है, उनमें अमरीका, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, बांग्लादेश, चीन, फ्रांस, जर्मनी , इंडोनेशिया, जापान, नीदरलैंड, सउदी अरब, इटली, सिंगापुर , दक्षिण अफ्रीका,तुर्की, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन और वियतनाम। भारत सरकार की पीएम मित्र योजना के अंतर्गत विश्व-स्तरीय टेक्सटाइल पार्क का विकास किया जा रहा है। इसमें प्रस्तावित निवेश का लक्ष्य 10,000 करोड़ रुपए है।