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UP: कानपुर में जीका वायरस का कहर, मिले 6 नए केस, अलर्ट जारी

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर के चकेरी इलाके में 6 और लोग जीका वायरस पॉजिटिव हो गए है। शहर में जीका वायरस के मामलों की कुल संख्या बढ़कर अब 10 हो गई है। जानकारी के मुताबिक, लखनऊ के KGMU लैब से रविवार को आई रिपोर्ट में एक गर्भवती महिला और दो पुरुषों समेत चार महिलाओं में जीका वायरस का संक्रमण पाया गया है।

वहीं, कानपुर के डीएम, स्वास्थ्य और नागरिक विभागों की एक टीम के साथ इलाके का जायजा लेने के लिए मौके पर पहुंचे। चिकित्सा टीमों ने अब तक शहर के चकेरी इलाके में जीका वायरस प्रभावित इलाकों से 645 संदिग्ध रोगसूचक, बुखार से पीड़ित और गर्भवती महिलाओं के नमूने इक्ठ्ठे किए हैं। उनके नमूने लखनऊ में KGMU लैब और पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजे गए हैं।

साथ ही, यूपी के संचारी रोग विभाग के निदेशक ने कहा कि, कांशीराम अस्पताल में एक विशेष वार्ड बनाया गया है, जहां लखनऊ के जीका वायरस के मरीजों को भर्ती किया गया है। वार्ड में मरीजों को मच्छरदानी के अंदर रखा गया है।

जिसके बाद, कानपुर के सीएमओ ने कहा, सभी संक्रमित व्यक्ति वायु सेना स्टेशन क्षेत्र के बाहर के हैं। वो चकेरी के हरजिंदर नगर लाल बांग्ला, पूनम टॉकीज, लालकुर्ती कैंट, ओमपुरवा और काली बाड़ी इलाकों में रहने वाले नागरिक हैं. सभी प्रभावित इलाकों में चिकित्सा और नागरिक टीमों द्वारा एंटी-लार्वा स्प्रे किया जा रहा है।

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साथ ही, सीएमओ ने कहा कि, सभी 6 मरीजों को होम क्वारंटीन में रखा गया है और उनका इलाज शुरू हो गया है। सभी मरीज बिना लक्षण वाले हैं। उनके परिवारों को भी जांच रिपोर्ट आने तक घर पर रहने की सलाह दी गई है। संक्रमित व्यक्तियों के घरों के आसपास करीब 400 घरों को कंटेनमेंट एरिया बनाया गया है। फॉगिंग और एंटी लार्वा का लगातार छिड़काव किया जा रहा है।

बता दें कि, शनिवार को वायुसेना के दो कर्मचारियों समेत तीन और लोग जीका वायरस से संक्रमित पाए गए। 23 अक्टूबर को पहले संक्रमित मामले का पता चलने के बाद केंद्र ने राष्ट्रीय वेक्टर-जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और राम मनोहर लोहिया अस्पताल से एक उच्च-स्तरीय बहु-अनुशासनात्मक टीम भेजी थी।

इस बीच, यूपी के सीएम योगी ने जीका वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखने का निर्देश दिया है। वायरल फीवर, वेक्टर जनित बीमारियों और अन्य लक्षणों वाले मरीजों की पहचान करने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर जांच कर रहे हैं।

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