संसद का शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही राज्यसभा सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। वहीं, राज्यसभा में भी विपक्ष इस मामले को काफी जोर-शोर से उठा रहा है। दरअसल, राज्यसभा से निलंबित किए गए 12 सांसदों के मामले पर विपक्ष भड़का हुआ है। इन सांसदों को संसद के मानसून सत्र में मार्शलों के साथ बदसलूकी करने के आरोप में निलंबित किया गया है।
सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के दिग्गज नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में राजनाथ सिंह, अमित शाह और नरेंद्र सिंह तोमर समेत कई मंत्री मौजूद रहे। इस दौरान संसद में सरकार की आगे की रणनीति को लेकर चर्चा हुई।
वहीं कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा के लिए विपक्षी दल आज बैठक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता। सांसदों को सदन के नियमों के खिलाफ निलंबित कर दिया गया। 12 सांसदों के निलंबन की कार्रवाई राज्यसभा में विपक्ष की आवाज का गला घोंटने जैसा है।
‘खड़गे ने कहा कि जिस मुद्दे पर निलंबित किया गया है वो मुद्दा पिछले सत्र का है, शीतकालीन सत्र में इसे उठाकर निलंबन इसलिए किया गया है कि विपक्षी पार्टियों द्वारा उनकी पोल न खोल दी जाए। वहीं, लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सत्र को बहिष्कार किए जाने को लेकर मेरे पास कोई जानकारी नहीं है। 12 सांसदों के निलंबन को लेकर बैठक है। जो भी निर्णय इस बैठक के बाद लिया जाएगा, उसे हम मानेंगे।
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राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने सोमवार को निलंबित सांसदों के नाम की घोषणा की। इनमें कांग्रेस के 6 सांसद: फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह शामिल हैं। ममता बनर्जी की पार्टी TMC से डोला सेन और शांता छेत्री को सस्पेंड किया गया है। इसके अलावा शिवसेना से प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई शामिल हैं। वहीं CPM के एलाराम करीम और CPI के बिनॉय विश्वम भी निलंबित होने वाले सांसदाें की लिस्ट में शामिल हैं।