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रोजगार देने में नंबर वन पर उप्र की एमएसएमई, दूसरे नंबर पर गुजरात

देश में रोजगार देने के मामले में उत्तर प्रदेश ने सभी राज्यों को पछाड़ दिया है। प्रदेश की सूक्ष्म, लघु, और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) नंबर वन पर है। वहीं, गुजरात दूसरे और तीसरे नंबर पर मध्यप्रदेश है। मंगलवार को यह दावा राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने किया।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मिशन रोजगार सरकारी नौकरियों से लेकर निजी क्षेत्र में भी कारगर साबित हो रहा है। कोरोना काल के बावजूद पिछले एक साल में देश में प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों ने प्रदेश में सबसे ज्यादा रोजगार दिया है। सरकार ने इन इकाइयों को 140 करोड़ की सब्सिडी भी दी है।

उन्होंने बताया कि उप्र में पिछले साल 4571 इकाइयों ने 560 करोड़ के निवेश से 45 हजार 166 लोगों को रोजगार दिया है। गुजरात की 1437 इकाइयों ने 400 करोड़ के निवेश से 32409 लोगों को रोजगार दिया है। वहीं, मध्यप्रदेश की 3362 इकाइयों ने 352 करोड़ के निवेश से 30565 लोगों को रोजगार दिया है।

प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने पिछले साल प्रदेश के इतिहास में सबसे ज्यादा लोन उद्योगों को दिए गए थे। इससे पहले भी पूर्व की सरकारों की तुलना में योगी सरकार ने उद्योगों को प्राथमिकता पर रखकर लोन उपलब्ध कराया था। प्रदेश सरकार के समन्वय से बैंकों ने पिछले चार साल में 55 लाख 45 हजार 147 एमएसएमई को लोन दिया था, जिसमें 03 लाख 08 हजार 331 इकाइयों के सैंपल सर्वे में 09 लाख 51 हजार 800 लोगों को रोजगार देने की भौतिक रूप से पुष्टि हुई थी। जबकि 55 लाख 45 हजार 147 इकाइयों में औसतन 1.5 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।

चार साल में दिए 55 लाख 45 हजार एमएसएमई को लोन

उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2016-17 में सपा सरकार के दौरान 6 लाख 35 हजार 583 एमएसएमई को लोन दिया गया था। जबकि 2017 में सत्ता परिवर्तन होते ही योगी सरकार में वित्त वर्ष 2017-18 में 7 लाख 87 हजार 572 एमएसएमई को लोन दिया गया। वित्त वर्ष 2018-19 में 10 लाख 24 हजार 265 उद्यमियों और 2019-20 में 17 लाख 45 हजार 472 लोन दिए गए हैं।

इसी तरह वित्त वर्ष 2020-21 में 01 अप्रैल, 2020 से 18 मार्च, 2021 तक 13 लाख 52 हजार 255 उद्यमियों को लोन दिए गए हैं। इसमें 09 लाख 13 हजार 292 एमएसएमई को 32 हजार 321 करोड़ 31 लाख लोन दिए हैं। इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) में 04 लाख 39 हजार 310 इकाइयों को 12 हजार 69 करोड़ 57 लाख का लोन दिया गया है। ऐसे में कुल 55 लाख 45 हजार 147 एमएसएमई को लोन दिया गया है।

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