लखनऊ। विश्व जल दिवस के अवसर पर मंगलवार को स्थानीय निकाय निदेशालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन आवासन और शहरी कार्य के राज्य मंत्री कौशल किशोर द्वारा किया गया। ‘सतत और समावेशी स्वच्छता और सबके लिए जल’ विषय पर आयोजित इस कार्यशाला में उन्होंने स्वच्छ भारत, अमृत काल वाला भारत और जल से परिपूर्ण भारत बनाने का आह्वान किया। उन्होंने केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए जल संरक्षण पर विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही नगरीय क्षेत्रों को स्वच्छ बनाने के कार्य में दिन रात जुटे सफाई मित्रों की सराहना भी की। इससे पहले निदेशक स्थानीय निकाय निदेशालय नेहा शर्मा (Neha Sharma) ने अतिथियों को पुष्प गुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया।
उन्होंने बताया कि आजादी के 75 साल पूरे होने से 75 सप्ताह पूर्व आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम शुरू किया गया। इसके तहत प्रदेश के प्रत्येक जनपद में 75-75 तालाबों को अमृत सरोवर के रूप में विकसित किया गया। जिससे बारिश के पानी का एकत्रीकरण सुनिश्चित किया जा सके। तालाबों में बारिश के पानी के एकत्रीकरण से भूजल का स्तर बढ़ेगा और आमजन के लिए शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। कहा कि हमें बारिश के पानी को रोकने के लिए और कारगर कदम उठाने होंगे। शहरों में आमजन को वाटर हार्वेस्टिंग के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। आवासन और शहरी कार्य के राज्य मंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन नगरीय उत्तर प्रदेश के तहत साफ-सफाई के कार्य में जुटे सफाई मित्रों की सराहना करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को सफाई मित्रों का सम्मान करना चाहिए। वे आपके द्वारा फैलाई गई गंदगी साफ करते हैं। इनकी मेहनत के बल पर ही आज उत्तर प्रदेश में बदलाव नजर आ रहा है।
इस अवसर पर निदेशक स्थानीय निकाय निदेशालय नेहा शर्मा (Neha Sharma) ने अवगत कराया कि नगरीय क्षेत्र को स्वच्छ बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन तत्पर है। बताया कि 3080 चिन्हित गार्बेज वल्नरेबल प्वाइंट (GVP) को 75 घंटे का अभियान चलाकर साफ करते हुए ऐसे स्थानों को सेल्फी प्वाइंट तथा पार्क के रूप में विकसित किया गया। बताया कि उत्तर प्रदेश ओडीएफ++ की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। पिछले सर्वेक्षण में 40 नगरीय निकाय ओडीएफ++ थे। लेकिन इस बार हमारा लक्ष्य कुल 750 नगरीय निकायों के सापेक्ष 50 प्रतिशत से अधिक नगरीय निकायों को ओडीएफ++ बनाने का है।
निदेशक वाटर प्रोग्राम, सीएसई दीपेन्द्र सिंह कपूर ने इस्तेमाल किए गए पानी के प्रबंधन पर विचार साझा किए। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस पानी का प्रबंधन समय की मांग है। प्रबंध निदेशक जल कल (नगरीय) अनिल ढींगरा ने प्रदेश में एसबीएम 2.0 की उपलब्धियों और चुनौतियों पर विचार साझा किए।
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वहीं, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सेंट्रल पब्ल्कि हेल्थ एंड एन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग ऑर्गेनाइजेशन के संयुक्त सलाहकार डॉ. वीके चौरसिया जी ने कार्याशाला में यूज्ड वाटर ट्रीटमेंट प्लाइंट्स पर विस्तार से जानकारी प्रदान की। वहीं, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सेंट्रल पब्ल्कि हेल्थ एंड एन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग ऑर्गेनाइजेशन के संयुक्त सलाहकार सतीश कुमार ने कार्याशाला में छोटे एवं मध्यम शहरों में तकनीकी का प्रयोग करते हुए ट्रीटमेंट के माध्यम से जल को शुद्ध किए जाने पर प्रकाश डाला। इस दो दिवसीय कार्यशाला का समापन बुधवार को होना प्रस्तावित है।