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अमेरिका भारत-चीन सीमा पर परमाणु बमों से लैस विमान कर सकता है तैनात

परमाणु बमों से लैस विमानaircraft equipped with nuclear bombs

परमाणु बमों से लैस विमान

 

नई दिल्ली। अमेरिका ड्रैगन को मुंहतोड़ जबाव देने के लिए भारत के पक्ष में खुलकर सामने आ गया है। इसके तहत अमेरिका भारत की मदद के लिए अपने सबसे एडवांस्ड और घातक परमाणु बॉम्बर B-2 स्प्रिट को तैनात कर सकता है।

बता दें कि भारत की लद्दाख सीमा पर चीनी सेना (PLA) के आक्रामक रवैया अपनाए हुए है। इसी को देखते हुए अमेरिका यह व्यूह रचना तैयार कर रहा है। मिली जानकारी के अनुसार अमेरिका का ये विमान एक साथ 16 परमाणु बम लेकर उड़ान भरने में सक्षम है। ये विमान जल्द ही भारतीय वायुसेना के साथ फ्लाई ओवर मिशन, युद्ध की तैयारियों और साझा युद्ध रणनीति बनाने के अभियानों में शामिल हो सकता है।

अमेरिकी पत्रिका द नेशनल इंटरेस्ट के मुताबिक भारत-अमेरिका के इस संयुक्त सैन्य अभ्यास को भारत-चीन सीमा पर ही अंजाम देने की तैयारियां चल रही है। भारत के प्रति दोस्ती जाहिर करने के साथ-साथ अमेरिका चीन के एयर डिफेन्स सिस्टम को भी करीब से परखना चाहता है। भारतीय सीमा पर उसे इसका पूरा मौका मिलेगा।

फिलहाल तीन बी-2 बमवर्षक विमान अमेरिकी नेवल बेस डियागो गार्सिया में तैनात हैं, जो कि भारत से सिर्फ 1000 मील की दूरी पर तैनात हैं। अमेरिका यहीं से इन विमानों को अफगानिस्तान और इराक में हमले के लिए भेजता रहा है। अमेरिकी वायुसेना के कमांडर कर्नल क्रिस्टोफर कोनंत के मुताबिक इन्हें करीब 29 घंटे की यात्रा करके डियागो गार्सिया लाया गया है।

कर्नल क्रिस्टोफर ने भारत का नाम लिए बिना कहा कि इन विमानों को यहां तैनात करना बताता है कि अमेरिका अपने दोस्तों की सुरक्षा को लेकर कितना चिंतित है। उन्होंने कहा कि यह बॉम्बर टास्कफोर्स हमारी नेशनल डिफेंस स्ट्रेटजी का अहम् हिस्सा है।

अमेरिका का स्ट्रेटजिक कमान B-2 स्प्रिट स्टील्थ बॉम्बर को खतरे और जरूरत के हिसाब से दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में तैनात करता रहा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक अब इन विमानों की सीधी टक्कर चीनी एयर डिफेन्स सिस्टम से है, जिसके बारे में काफी बढ़ा-चढ़ाकर बातें कही जाती हैं। चीन ने तनाव को देखते हुए भारत-चीन सीमा पर रूस निर्मित S-400 और S-300 को तैनात कर रखा है। चीन का दावा है कि स्टील्थ विमान भी इससे नहीं बच सकते हैं।

चीन के इस दावे के सामने अमेरिकी विमानों की भी परीक्षा

चीन के इस दावे के सामने अमेरिकी बॉम्बर कितने मजबूत साबित होते हैं? ये इस बात की भी परीक्षा है। अमेरिका के इन 30 साल पुराने विमानों को बार-बार अपग्रेड किया जाता रहा है। B-2 के कंप्यूटर को बदलकर अब 1000 गुना ज्यादा तेजी से काम करने वाले नए सिस्टम लगाए गए हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक यह परमाणु विमान रेडार की पकड़ में नहीं आता है और चुपके से हमले को अंजाम देने में सक्षम है, इसमें नए सेंसर, सिस्टम, हथियार और उपकरण लगाए गए हैं। B-2 स्प्रिट दुनिया के सबसे घातक बॉम्बर माने जाते हैं। यह बमवर्षक विमान एक साथ 16 B61-7 परमाणु बम ले जा सकता है। हाल ही में इसके बेड़े में बेहद घातक और सटीक मार करने वाले B61-12 परमाणु बम शामिल किए गए हैं।

अमेरिका का दावा है कि ये बॉम्बर यह दुश्मन के हवाई डिफेंस को चकमा देकर आसानी से उसके इलाके में घुस जाता है। हालांकि अभी इसका सामना चीन या रूस जैसे उन्नत देशों के एयर डिफेन्स सिस्टम से नहीं हुआ है।

इस बॉम्बर पर एक हजार किलो के परंपरागत बम भी तैनात किए जा सकते हैं। B-2 स्प्रिट बॉम्बर की कीमत करीब 2.1 अरब डॉलर है और अमेरिका के पास कुल 20 B-2 स्प्रिट स्टील्थ बॉम्बर हैं। यह बॉम्बर 50 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए 11 हजार किलोमीटर तक मार कर सकने में सक्षम है। एक बार रिफ्यूल कर देने पर यह 19 हजार किलोमीटर तक हमला कर सकता है।

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