नई दिल्ली. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन आज भारत यात्रा पर है। बुधवार को ब्लिंकन ने दिल्ली में तिब्बत के धर्मगुरु दलाई लामा के एक प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सिविल सोसाइटी के नेताओं से मिलकर मुझे खुशी हुई। भारत और अमेरिका हमेशा से लोकतंत्र समर्थक रहे हैं। यह हमारे संबंधों का आधार भी है। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे।
अफगानिस्तान के मुद्दे पर ब्लिंकन ने भारत के साथ काम करने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से सेना वापस बुलाने के बाद भी हम वहां के लोगों के हित के लिए काम करते रहेंगे। हम इलाके में शांति स्थापित करना चाहते हैं।
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एस जयशंकर से मिलकर बोले- संबंधों को और मजबूत करेंगे
इससे पहले ब्लिंकन ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन का संकल्प है कि भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत करने का सिलसिला जारी रखना है। ब्लिंकन ने कहा, “मैं उस काम की गहराई से सराहना करता हूं जो हम एक साथ करने में सक्षम हैं और जो काम हम आने वाले महीनों में एक साथ करेंगे।”
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसी कोई चुनौती नहीं है, जिसका हमारे नागरिकों के जीवन पर असर न हो, चाहे वह कोरोना हो, उभरती टेक्नोलॉजी का बुरा प्रभाव हो। इन समस्याओं से कोई भी देश अकेले नहीं निपट सकता। देशों के बीच पहले से कहीं अधिक सहयोग की जरूरत है।
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जयशंकर बोले- क्वाड को मजबूत करना होगा
जयशंकर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर हमारी बातचीत पुराने अनुभवों के आदान-प्रदान से मजबूत होगी। उन्होंने कहा, ‘हिंद-प्रशांत में शांति और समृद्धि हम दोनों के लिए उतनी ही अहम है, जितनी अफगानिस्तान में लोकतांत्रिक स्थिरता। एक सहयोगी मंच के रूप में क्वाड को मजबूत करना हम दोनों के हित में है। हमें आतंकवाद जैसी मौजूदा चुनौतियों पर मिलकर काम करना चाहिए।’