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अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पियो ने पीएम मोदी से क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर की चर्चा

अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पियो US Secretary of State Pompeo pm modi

अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पियो

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन से जारी तनाव के बीच अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। इस दौरान उन्होंने क्षेत्रीय और वैश्विक चिंता के कई मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें अमेरिका और भारत सहयोग करते हैं। इसमें कोरोना वायरस पर सहयोग, सुरक्षा, रक्षा सहयोग और स्वतंत्र व खुले भारत-प्रशांत में साझा हित शामिल हैं। यह जानकारी अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता काले ब्राउन ने दी है।

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उप प्रवक्ता काले ब्राउन ने बताया कि विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-प्रशांत क्षेत्र और विश्व की सुरक्षा और समृद्धि को बेहतर ढंग से सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका-भारत व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर से मिलने की खुशी भारत-अमेरिका संबंधों में जबरदस्त प्रगति और दू प्लस टू मंत्री स्तरीय बैठक के परिणामों को देखकर खुशी हुई। हमारी व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी साझा सिद्धांतों, सामान्य रणनीतिक हित की दृढ़ नींव पर खड़ी है। इस दौरान, विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और भारत में अमेरिकी राजदूत केन जस्टर भी उपस्थित थे।

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प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक से पहले जयशंकर और सिंह ने पोम्पिओ व एस्पर के साथ तीसरे चरण की ‘टू प्लस टू’ वार्ता की। भारत और अमेरिका ने एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौता किया, जिससे अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, उपग्रह के गोपनीय डाटा और दोनों देशों के बीच अहम सूचना साझा करने की अनुमति होगी। ‘टू प्लस टू’ वार्ता के दौरान ‘बेसिक एक्सचेंज एंड को-ऑपरेशन एग्रीमेंट’(बीईसीए) पर दोनों रणनीतिक भागीदारों के बीच संधि ने द्विपक्षीय रक्षा और सैन्य संबंधों को आगे और मजबूत करने के संकेत दिए हैं।

बता दें कि यह समझौता ऐसे वक्त हुआ है, जब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत का गतिरोध चल रहा है। ‘टू प्लस टू’ वार्ता में दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच पहले से कायम करीबी संबंधों को आगे और घनिष्ठ करने तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आपसी हितों के व्यापक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।

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