नई दिल्ली। चीन के साथ तनातनी के बीच अमेरिका ने विवादित दक्षिण चीन सागर में सैन्य अभ्यास किया। यह अमेरिका का एक महीने में दूसरी बार बड़ा सैन्य अभ्यास है, जिसमें बड़े युद्धपोतों ने हिस्सा लिया। इस दौरान यूएसएस रोनाल्ड और यूएसएस निमित्ज वाहकों को भी शामिल किया गया।
सीएनएन ने यूएस पैसिफिक फ्लीट के बयान का हवाला देते हुए बताया, “करीब 12 हजार अमेरिकी जवानों, दो विमान वाहक और उनके एस्कॉर्टिंग क्रूजर और विध्वंसक के साथ शुक्रवार को दक्षिण चीन सागर में अभ्यास कर रहे थे।” बयान में कहा गया है कि दोनों वाहक, जिनके अंदर करीब 120 से अधिक विमान तैनात थे, वे लड़ाई को लेकर तत्परता और कुशलता बनाए रखने के लिए सामरिक हवाई रक्षा अभ्यास कर रहे थे।
यूएसएस रेगान में सवार नेवी लेफ्टिनेंट कमांडर सिएन ब्रोफी ने 8 जुलाई को कहा था कि प्रत्येक स्ट्राइक ग्रुप अपने संबंधित ऑपरेशनल टास्किंग पर है। चीन दक्षिण चीन सागर के 3.5 मिलियन में से 3.3 मिलिनय स्क्वायर माइल्स पर अपना दावा करता है और क्षेत्र में अमेरिकी विमान वाहकों की मौजूदगी पर कड़ा ऐतराज जताया है।
डेक्कन चार्जर्स को IPL से हटाना BCCI को पड़ा भारी, लगा 4800 करोड़ रुपए का जुर्माना
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, “अमेरिकी कार्रवाई का उद्देश्य दक्षिण चीन सागर में सैन्यीकरण को बढ़ाना और देशों के बीच खाई पैदा करना है। यह अंतत: क्षेत्र में शांति और स्थिरता को कम करेगा।”
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा, “दुनिया बीजिंग को दक्षिण चीन सागर को अपने समुद्री साम्राज्य के रूप में उपयोग करने की इजाजत नहीं देगी। अमेरिका दक्षिण एशियाई देशों के अपने सहयोगियियों और साझेदारों के साथ खड़ा है और उनके समुद्री संसाधनों की संप्रभुता की रक्षा कर रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत सुसंतगत है।”
वाशिंगटन में चीन के दूतावास की तरफ से इन आरोपों को ‘पूरी तरह अनुचित’ करार दिया गया। दक्षिण चीन सागर को लेकर सात देशों में विवाद चल रहा है, ये देश हैं- वितयनाम, ब्रुनेई, चीन, ताइवान, इंडोनेशिया, फिलिपिन्स और मलेशिया। साल 2016 में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (यूनाइटेड नेंशंस कन्वेंशन ऑ द लॉ ऑफ द सी) ने चीन के साउथ चाइन सी में नाइन डैश लाइन पर दावे को खारिज किया था। लेकिन चीन ने उस निर्णय को नहीं माना।