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इंडस्ट्री में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीक का प्रयोग बढ़ा

लखनऊ। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में शनिवार को एक दिवसीय ऑनलाइन एचआर कानक्लेव का आयोजन किया गया। एचआर कानक्लेव आयोजन का उद्देश्य इंडस्ट्री-एकेडमिक कोलैबरेशन को बढ़ावा देना रहा। एचआर कानक्लेव री-डिफाइनिंग एचआर ड्यूरिंग एंड पोस्ट पेंडेमिक विषय पर आयोजित की की गयी।

एचआर कानक्लेव में इंडस्ट्री में महामारी के समय एवं उसके उपरांत रोजगार की संभावनाओं एवं चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा की गयी। एचआर कानक्लेव में जीएलए विवि, मथुरा के कुलपति प्रो फाल्गुनी गुप्ता ने मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। साथ ही कैंडिला फार्मास्युटिकल लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट प्रमोद कुमार राजपूत, आईबीएम की एचआर लीडर मंदीप कौर, श्नाइडर इलेक्ट्रिक इंडिया के एजीएम एचआर सर्वेश भदौरिया, टीसीएस के जीएमएचआर राज गुप्ता और माइंड योर फ्लीट सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड की सीएचआरओ देबजनी रॉय बतौर वक्ता मौजूद उपस्थित रहे।

इस अवसर पर विवि के प्रतिकुलपति प्रो विनीत कंसल ने समस्त प्रतिभागियों का कॉन्क्लेव में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि विवि की यूनिवर्सिटी इंडस्ट्री इंटरफेस सेल द्वारा प्रतिबद्धता से प्लेसमेंट के कार्य का निर्वाह कियता जा रहा है। उन्होंने कहा कि महामारी एवं लॉकडाउन के बावजूद भी 91 पूल प्लेसमेंट ड्राइव्स में लगभग तीस हजार रोजगार के अवसर विद्यार्थियों को प्रदान किये गये हैं।

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प्रो फाल्गुनी गुप्ता ने कहा कि एकेडमिया और इंडस्ट्री कनेक्ट समाज की बेहतरी के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के समय इंडस्ट्री के मांग में आये बदलावों पर चर्चा करने के लिए री-डिफाइनिंग एचआर ड्यूरिंग एंड पोस्ट पेंडेमिक विषय पर एचआर कॉन्क्लेव अक आयोजन प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि एकेटीयू द्वारा प्लेसमेंट के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया जा रहा है।

प्रमोद कुमार राजपूत ने प्रेक्टिसेस दैट डिफरेंसिएट द बेस्ट आरगेनाइजेशन फ्रॉम द गुड वन विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा डिजिटल ट्रांसफारमेशन वर्तमान की सबसे बड़ी आवश्यकता बन गयी है। वर्तमान में योग्यतम की उत्तर जीविता के सिद्धांत पर इंडस्ट्री आगे बढ़ रही है। ऐसे में हमें खुद को आत्मनिर्भर बनने की ओर प्रयास करने चाहिए।

मंदीप कौर ने कहा कि हमें इंडस्ट्री और एकेडमिया के मध्य सपोर्ट सिस्टम विकसित करने के लिए प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की कोविड-19 महामरी में उपयोगिता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के माध्यम से जनोपयोगी उपकरण विकसित करने के लिए प्रयास करने चाहिए।

सर्वेश भदौरिया ने कहा कि इंडस्ट्री में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीक का प्रयोग बढ़ा है। उन्होंने कहा कि ट्रेंड्स एनालिसिस में बड़े पैमाने पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे में विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित कोर्सेज अनिवार्य रूप से पढ़ाये जाने चाहिए।

राज गुप्ता ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंडस्ट्री में चैथी औद्योगिक क्रांति लेकर आई है। कोविड-19 महामारी में इंडस्ट्रीज में सिमित रोजगार के अवसर ही मिल पा रहे हैं। ऐसे में हमें क्रिएटिव बनने की आवश्यकता है। साथ ही देबजनी रॉय ने चेंजिंग रोल ऑफ एचआर लीडर्स फ्रॉम बैकग्राउंड कंट्रीब्यूटर्स टू स्ट्रेटेजिक वैल्यू क्रेएटर विषय पर व्याख्यान दिया।

एचआर कानक्लेव में विवि के कुलसचिव नन्द लाल सिंह, वित्त अधिकारी जीपी सिंह, विभिन्न सम्बद्ध संस्थानों के निदेशक व टीपीओ , छात्र-छात्राओं ने ऑनलाइन प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का सञ्चालन प्रतिभा शुक्ला ने कियाद्य एचआर कानक्लेव विधिवत सम्पन्न हो गयी।

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