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नींद की गोलियों का सेवन करने से पहले जान लें बेहद जरूरी बातें

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग नींद की समस्या से जूझते नजर आते हैं। बिना लाइफ स्टाइल में सुधार के वो नींद की गोलियां  (pills for sleep) लेना शुरू कर देते हैं। लेकिन वे यह नहीं जानते के अगर वे अपनी लाइफ में थोड़े से बदलाव भी करने लग जाएं तो वे इस समस्या से समाधान पा सकते हैं। इसकी मदद से वे नींद की गोलियां (pills for sleep) लेने से और उनके दुष्प्रभाव से बच सकते हैं।

स्लीपिंग पिल्स की जरूरत ही क्यों?

नियमित समय पर सोना, नियमित रूप से व्यायाम करना, दिन के समय नैप न लेना और कैफीन, एल्कोहॉल, निकोटीन और भारी भोजन से परहेज करना, तनाव को नियंत्रण में रखना आदि से आपको नींद से होने वाली परेशानियों से राहत मिल सकती है। लेकिन, कई बार ऐसा भी होता है, कि इन चीजों के अलावा डॉक्टर आपको कुछ समय के लिए नींद की गोलियां लिखता है।

स्लीपिंग पिल्स जब करने लगती हैं नुकसान

कुछ लोग तनाव या अन्य कारणों से स्लीपिंग पिल्स यानी नींद की गोलियां (pills for sleep) खाने लगते हैं। इन गोलियों से थोड़े समय के लिए तो आराम मिल सकता है। लेकिन, इन स्लीपिंग पिल्स को अपनी आदत बना लेना खतरनाक साबित हो सकता है। यदि आप लंबे समय से अनिद्रा के कारण परेशान है तो ऐसे में बिहेवियरल थेरेपी (behavioral therapy) सबसे अच्छा उपचार साबित होता है।

यदि आप नियमित रूप से नींद न आने की समस्या से जूझ रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। इस समस्या का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी अनिद्रा का कारण क्या है? कभी-कभी, मेडिकल कंडीशन (medical condition) या कोई और कारण के चलते भी आपको नींद आने में परेशानी हो सकती है। प्रिस्क्रिाब्ड स्लीपिंग पिल्स नींद की गोलियां लेने से आप आसानी से और लंबे समय तक सो सकते हैं, लेकिन इन गोलियों के नुकसान ज्यादा हैं।

# चक्कर आना या कमजोरी महसूस करना

# सिरदर्द

# गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जठरांत्र) संबंधी समस्याएं, जैसे कि दस्त और मतली

# लंबे समय तक सुस्ती, दवाइयों के कारण आप सोते रहते हैं

# एलर्जी रिएक्शन

#याददाश्त की समस्याएं

सावधानियां बरतें:

गर्भवती महिला, स्तनपान करवाने वाली महिला और बुज़ुर्गों के लिए किसी भी प्रकार की प्रिस्क्रिप्शन स्लीपिंग पिल्स (और यहां तक कि कुछ नॉन प्रस्क्रिप्शन स्लीपिंग पिल्स) के साथ-साथ कुछ एंटीडिप्रेसेंट का सेवन बिलकुल भी सुरक्षित नहीं होता हैं। नींद की गोली के उपयोग से रात में गिरने और बुज़ुर्गों में चोट लगने का खतरा बढ़ सकता है। यदि आप एक बुज़ुर्ग हैं, तो आपका डॉक्टर आपकी समस्याओं के अनुसार कम खुराक वाली ही दवा आपके लिए लिखता है, जिससे आपको किसी प्रकार का नुकसान न हो।

स्लीपिंग पिल्स के दिनभर नींद आना

नींद की गोली का सबसे प्रमुख साइड इफेक्ट है अगले दिन सिर चकराना या नींद का अहसास होते रहना। अगर आप आधी रात को नींद की गोली लेते हैं, तो ऐसा होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इसके अलावा इसकी वजह से आप बेहोशी की हालत में भी उठ सकते हैं, जो खतरनाक हो सकता है।

नींद की गोली लेने से पहले ध्यान रखें

कुछ मेडिकल कंडीशन वाले व्यक्तियों के अलावा सभी प्रिस्क्रिप्शन स्लीपिंग पिल्स में रिस्क (जोखिम) होता है। अनिद्रा के लिए किसी भी नए उपचार की कोशिश करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें। इसके साथ ही नींद न आने की समस्या को कम करने के लिए अपनी दिनचर्या पर विशेष ध्यान दें।

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