सुलतानपुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा का डंका बजा। लगातार दूसरी बार ऊषा शिवकुमार सिंह ने जीत का परचम लहराया। जिला पंचायत के कुल 45 सदस्यों ने मतदान में भाग लिया। ऊषा सिंह को कुल 25 मत मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी निर्दलीय प्रत्याशी अर्चना सिंह को मात्र 17 मत मिले। सपा को सिर्फ एक मत, जबकि दो मत अवैध पाये गये।
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए कुल तीन प्रत्याशियों ने नामांकन किया था। जिसमें भाजपा प्रत्याशी के रुप में ऊषा सिंह, सपा प्रत्याशी के तौर पर केशा यादव व निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अर्चना सिंह मैदान में थी। सत्ता और धनबल के इस चुनाव में भाजपा का पलड़ा भारी रहा। निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में पूर्व ब्लाक प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू की बहन अर्चना सिंह ने भाजपा प्रत्याशी ऊषा सिंह को कड़ी टक्कर दी, लेकिन शह-मात के इस चुनाव में अंततः जीत सत्ता की हुई। सपा प्रत्याशी केशा यादव को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम प्रशासन की तरफ से किये गये थे। जिला पंचायत परिसर के आस-पास पुलिस और पीएससी के जवानों की तैनाती की गयी थी। कई जगहों पर बैरिकेटिंग कर आवागमन पर रोक लगाया गया। मतदान के दौरान प्रेक्षक के रुप में आईएएस पंधारी यादव, डीएम रवीश गुप्ता, एडीएम एफआर उमाकान्त त्रिपाठी, एडीएम प्रशासन हर्षदेव पाण्डेय, अपर पुलिस अधीक्षक विपुल कुमार श्रीवास्तव, डीडीओ डीआर विश्वकर्मा उपस्थित रहे।
सपा के समर्थित जिपं सदस्यों ने पार्टी से किया किनारा
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सपा के कुल 12 समर्थित प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। जिसके बाद सपा ने खूब वाह-वाही बटोरी थी। सपा के जिलाध्यक्ष पृथ्वीपाल के भाभी केशा यादव को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया। जिसके बाद बैठकों में फोटो खिचवाने वाले पार्टी समर्थित जिपं सदस्यों ने वोटिंग के दौरान सपा से किनारा कर लिया। प्रस्तावक ने भी उनके पक्ष में वोटिंग नहीं की। सूत्रों की माने तो ज्यादातर सपा समर्थित जिपं सदस्यों को भाजपा प्रत्याशी ने अपने पाले में कर लिया था। सपा की बुरी तरह हार पर राजनीतिज्ञों का मंथन शुरू हो गया है।