कोच्चि। केरल हाईकोर्ट की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) के के उषा का निजी अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। वह 81 वर्ष की थीं।
पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी मंगलवार को दी है। वह 30 सितंबर को अपने घर में गिर गयी थीं जिसके कारण उनके रीढ़ की हड्डी में चोट लगी जिसका इलाज किया जा रहा था।
श्रीमती उषा ने वर्ष 1961 में वकील के रूप में वकालत शुरू की थी और वह 1979 में हाईकोर्ट में सरकारी वकील नियुक्त की गयीं। वह वर्ष 1991 से 2000 के बीच न्यायाधीश रही। वह वर्ष 2000 में केरल हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश बनी तथा वह 2001 तक वह इस पद पर रही।
सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें नयी दिल्ली स्थित सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। केरल हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति के सुकुमारन उनके पति हैं।
श्रीमती उषा ने 1975 में हैम्बर्ग में अंतरराष्ट्रीय महिला फेडरेशन के महिला वकीलों के 18 वें सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। राज्य के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने न्यायमूर्ति उषा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।