मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को कहा कि वैश्विक महामारी के बीच अपनी नीति, नीयत और नियोजन से उत्तर प्रदेश वैश्विक पटल पर दमदार राज्य के तौर पर उभर कर सामने आया है।
विधानसभा के मानसून सत्र को संबोधित करते हुये श्री योगी ने कोरोना योद्धाओं और फ्रंट लाइन वर्करों की भूमिका की सराहना करते हुये कहा कि 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश ने महामारी के बीच जिस तरह एक-एक नागरिक के जीवन और जीविका की सुरक्षा सुनिश्चित की, उसने इस राज्य को देश दुनिया के सामने एक मिसाल के तौर पर पेश किया है।
अमेरिका और इंग्लैंड जैसे साधन-संपन्न राष्ट्र हों अथवा भारत में सर्वाधिक साधन संपन्न माना जाने वाला महाराष्ट्र या सर्वाधिक शिक्षित प्रदेश का तमगा रखने वाला केरल उत्तर प्रदेश में कोरोना की स्थिति इन सबसे कहीं बेहतर है। निगरानी समिति और ऑक्सीजन ऑडिट जैसे हमारे मॉडल सर्वत्र सराहे गए हैं।
उन्होने कहा कि बीते 70 साल में हुए यूपी के विकास के दावे की पोल इस महामारी काल में खुल गई। कोरोना आया तो हमारे पास टेस्टिंग के लिए एक लैब तक न थी। पुणे की वायरोलॉजी लैब में टेस्टिंग करानी पड़ी। लेकिन यह सरकार की प्रतिबद्ध कार्यशैली का नतीजा है कि आज हमारी क्षमता चार लाख टेस्ट हर दिन करने की हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार जताते हुए योगी ने कहा कि कोरोना काल में यूपी के हर एक व्यक्ति के जीवन और जीविका की सुरक्षा की गई। 119 चीनी मिलों का संचालन होता रहा, उद्योग-धंधे चलते रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड का पहला दौर हो या दूसरा, 15 करोड़ से अधिक लोगों के लिए राशन की व्यवस्था हुई। यही नहीं, कोरोना के कारण निराश्रित हुए बच्चे हों या महिलाएं, सभी के सुखमय जीवन के लिए सरकार प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए योगी ने कहा आज दुनिया के तमाम संस्थान यूपी मॉडल की सराहना कर रहे हैं, विपक्ष को इस पर गर्व करना चाहिए।