फर्रुखाबाद। शास्त्रों में अपरा काशी कहीं जा कहीं जाने वाली भगवान शिव की पौराणिक अध्यात्म नगरी फर्रुखाबाद के पांचाल गंगा तट पर आज धर्म अध्यात्म और संस्कृति के अलौकिक दर्शन के बीच प्राचीन मेला श्री राम नगरिया विकास प्रदर्शनी का जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने वैदिक मंत्रोच्चारण हवन पूजन के साथ फीता काटकर उद्घाटन किया। मन मोह लेने वाली श्री गंगा आरती में उमड़े संत समाज ने गुरुवार को यहां भागीरथी के विहंगम दर्शनों का लाभ उठाया। ऐसा लगा माने मिनी कुंभ के इस प्रारंभ में साक्षात देव दर्शनों की अनुभूति हो रही है।
पांचाल घाट पर आज मेला श्री राम नगरिया के उद्घाटन अवसर की तैयारियां उत्सव जैसी सुबह से देखने को मिली पूरा मेला क्षेत्र भगवा में होने से संतो को इस बात का आभास कराया गया जैसे रामराज्य मैं उन्हें देव दर्शन प्राप्त होते थे। संतो के लिए यहां विशेष सम्मान की व्यवस्था जिलाधिकारी के निर्देशन में मुख्य विकास अधिकारी डॉ राजेंद्र पेंसिया पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा मेला सचिव एसडीएम सदर अनिल कुमार और पूरा जिला प्रशासन संभाल रहा था। अपर जिलाधिकारी विवेक श्रीवास्तव 11 व्यवस्था पर नजर गड़ाए थे जैसे ही शाम का सूरज ढला तो गंगा तट पर संतो की भीड़ उमड़ने लगी। इस महा कार्यक्रम को ऐतिहासिक भव्यता कब मिली जब यहां प्रचंड संतों ने खुद उपस्थिति प्रदान की। जय श्री राम हर हर गंगे के उद्घोष भगवा बे इस प्राचीन मेले को चार चांद लगा रहे थे।
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जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने आला अधिकारियों के साथ यहां शाम 3.05 बजे पहुंच हिंदू रीति रिवाज के अनुसार धर्म और आध्यात्मिक संगम के बीच पूजा अर्चना हवन पूजन के साथ फीता काटकर जब उद्घाटन किया। तो जय श्रीराम के उद्घोष से आसमान गुंजायमान हो गया। जिलाधिकारी ने सर्वप्रथम मेला गेट के पूर्वी हिस्से का उद्घाटन किया। बंधे पर बनाए गए सीमेंटेड गेट का लोकार्पण किया। यहां श्री गंगा की आरती के विहंगम दृश्य और भगवान शिव के स्त्रोत जब गुंजायमान हुए तो मानो एक बार ऐसा लगा जैसे आसमान से देव गंधर्व पुष्पों की वर्षा कर रहे हैं। दो हजार दीपमाला का दीपदान यहां आकर्षण का केंद्र रहा प्रशासन ने यहां आए संत समाज का दिल खोल कर सम्मान किया। जिले में पहली बार वर्षों से होता आया मेला से रामनगरिया अपने अलग स्वरूप में दिखा। इस दौरान प्रमुख रूप यहां शोभा बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान संस्थान सैफई के कुलपति और देश के जाने माने न्यूरो सर्जन प्रोफेसर डॉक्टर राजकुमार की मौजूदगी यहां चर्चा का विषय रही। कुलपति ने भी यहां के धार्मिक आयोजन की दिल खोलकर प्रशंसा की और बोले कि ऐसे हिंदू संस्कृति के प्रेरणा स्रोत कार्यक्रम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सत्ता में ही देखने को मिले। उन्होंने जिला प्रशासन की यहां पहुंच पीठ थपथपाई और दोबारा भी यहां आने का वायदा किया कुलपति का जिलाधिकारी सीडीओ पुलिस अधीक्षक ने स्वागत किया।
मेला रामनगरिया के विविध रंग देख जिलाधिकारी की प्रशंसा के पुल बांधे
फर्रुखाबाद। मेला रामनगरिया इस बार ऐतिहासिक आयोजन को देखने उद्घाटन अवसर पर यहां पहुंचे उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान संस्थान सैफई के कुलपति यहां अध्यात्मिक दर्शन और धर्म संत समागम को देख गदगद दिखे। यहां उन्होंने प्रशासन बच्चा बाबा के आध्यात्मिक दर्शन देखिए उनके कल्पवास क्षेत्र में इंडिया परिवार द्वारा स्थापित किए गए आध्यात्मिक चिंतन शिविर का उन्होंने फीता काटकर उद्घाटन किया। यहां उन्होंने संत समाज का आशीर्वाद भी लिया। बोले गंगा तट पर ऐसा विहंगम दृश्य उन्हें पूरे जीवन में पहला देखने को मिला है। वह एम्स उत्तराखंड के डायरेक्टर भी रहे, लेकिन मिनी कुंभ के साक्षात दर्शन करने का उन्हें पहला अवसर मिला। वह पूरे मेले में दोबारा भी आने का प्रयास करेंगे उद्घाटन अवसर पर यहां उनका और संत बच्चा बाबा का प्रमुख व्यवसाय अजय गंगवार पूर्व विधायक अरविंद प्रताप सिंह पवन कटियार भगवान सिंह गंगवार और एटा अलीगंज से आए पीडीएफ सीनियर सेकेंडरी कॉलेज के प्रबंधक मुकेश वर्मा स्वागत किया।
झूम उठा संत समाज खुशी में चलाई आतिशबाजी
फर्रुखाबाद। मेला श्री रामनगरिया की बबीता पर झूमे संत समाज ने यह खुशी से आतिशबाजी चलाई जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह के शानदार प्रयासों को सराहा प्रख्यात संत बच्चा बाबा महाराज सत्य गिरी महाराज बाबा बालक दास बाबा नारायण दास राम प्रकाश गिरी आदि संतों ने जिलाधिकारी मेला सचिव एसडीएम अनिलकुमार सीडीओ डॉ राजेंद्र पेंसिया एडीएम विवेक श्रीवास्तव और मेला व्यवस्थापक संदीप दीक्षित के दिल खोलकर प्रशंसा की। प्रशासन की ओर से यहां बेहतरीन भारतीय सभ्यता के अनुरूप अल्पाहार का विशेष प्रबंध किया गया था । जिसमें सात्विक दर्शन देखने को मिला मेला रामनगरिया थाना के प्रभारी निरीक्षक जयंती प्रसाद गंगवार क्षेत्राधिकारी नगर राजवीर सिंह विशेष रुप से आज पूरे दिन यहां संतों की सेवा की कवायद में जुटे रहे मेला क्षेत्र में किसी प्रकार की संतो को असुविधा ना हो इसके लिए बेहतर इंतजाम किए गए थे। निगरानी के लिए अधिकारी खुद अलर्ट रहे।