उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो जाएगा। पांच दिवसीय सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं। सत्र के पहले दिन दिवंगत विधायकों को सदन में श्रद्धांजलि दी जाएगी। सत्र के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर विधायकों के बैठने के साथ सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
2022 के चुनाव को देखते हुए विपक्ष सदन में सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगा। वहीं, सरकार ने भी विपक्ष की ओर से उठाए जाने वाले मुद्दों पर जवाब देने की रणनीति बनाई है। धामी का बतौर मुख्यमंत्री यह पहला विधानसभा सत्र होगा।
वहीं, संसदीय कार्य मंत्री के रूप में बंशीधर भगत के ऊपर सदन में सरकार का पक्ष रखने की बड़ी जिम्मेदारी होगी। जबकि नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद प्रीतम सिंह के लिए पहला सत्र है। पक्ष व विपक्ष सदन में नए अंदाज में नजर आएगा। माना जा रहा है कि वर्तमान सरकार का यह अंतिम सत्र होगा।
राम मंदिर जाने वाली सड़क का नाम होगा ‘कल्याण सिंह मार्ग’, केशव मौर्य ने किया ऐलान
जिससे विपक्ष के पास देवस्थानम बोर्ड, कोविड जांच फर्जीवाड़ा, महंगाई, बेरोजगार, कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों को लेकर सदन में सरकार की घेराबंदी करने का आखिर मौका है। जबकि सत्तापक्ष ने भी विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने की तैयारी की है। सत्र के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों से 788 प्रश्न मिले हैं।
कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए सदन में 40 विधायकों के बैठने की व्यवस्था की गई है। जबकि 30 विधायक प्रकाश पंत भवन के कक्ष संख्या 107 में बैठेंगे। जहां से वे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सदन की कार्यवाई में शामिल होंगे।
प्रदेश और जनहित के कई ऐसे विषय हैं, जिन पर प्रदेश की जनता सत्र के दौरान सदन से गंभीर चिंतन-मनन की अपेक्षा रखती है। प्रदेश का हर व्यक्ति चाहता है कि सदन के माध्यम से उनकी आशाएं व अपेक्षाएं सरकार तक पहुंचें। सदन सुचारू रूप से संचालित करने में पक्ष और विपक्ष सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करेंगे। उनका प्रयास रहेगा कि सरकार और प्रतिपक्ष के बीच मुद्दों पर सार्थक व सकारात्मक चर्चा हो।
-प्रेमचंद अग्रवाल, विधानसभा अध्यक्ष