उत्तराखंड में कांग्रेस के खेमे में मंडरा रहे संकट का समाधान हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेस का चुनाव प्रचार अभियान चलेगा और चुनाव नतीजों बाद मुख्यमंत्री का फैसला किया जायेगा। आज शीर्ष नेतृत्व से मिले आश्वासन के बाद रावत के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी।
हरीश रावत ने शुक्रवार को यहां कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। इस दौरान उत्तराखंड कांग्रेस में बढ़ती खेमेबंदी और मंडरा रहे संकट को भांपते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने तय किया कि रावत ही प्रचार अभियान का चेहरा रहेंगे। उनके नेतृत्व में ही पूरा प्रचार अभियान चलेगा। मुख्यमंत्री का फ़ैसला चुनाव के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी।
बैठक में रावत को इस बात की भी हिदायत दी गई है कि वह ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे ऐन चुनावी बेला में पार्टी को नुकसान पहुंचे।
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रावत ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस और उनके मन में कोई चिंता नही है। हमने अपनी बात शीर्ष नेतृत्व के समक्ष रख दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व के निर्णय पर सभी अमल करेंगे।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में रावत के एक ट्वीट ने देहरादून से लेकर दिल्ली तक सियासी पारा बढ़ा दिया था। जिसके बाद कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें दिल्ली तलब किया था।