नई दिल्ली। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है। पिछले 17 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाले किसानों ने अपने आंदोलन को और तेज कर दिया है। किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात करके और जगह-जगह मल्टी लेयर्ड बैरिकेड्स लगाकर सुरक्षा बढ़ा दी है। शनिवार को किसान नेताओं ने 14 दिसंबर (सोमवार) को भूख हड़ताल करने का भी एलान किया।
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जानकारी के अनुसार किसान दिल्ली-जयपुर हाइवे बंद करने के लिए दिल्ली की ओर कूच करना शुरू कर दिया है। खेड़ा बॉर्डर के पास शाहजहांपुर में इकट्ठा हुए हैं। यहां सुरक्षा बलों ने बैरिकेड्स लगा दिए हैं। सरकार की कोशिश है कि बातचीत के माध्यम से गतिरोध को खत्म किया जाए, लेकिन किसान संगठन कृषि कानूनों के वापसी की मांग पर अड़े हैं। किसान नेताओं और सरकार में कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन इनमें से एक का भी नतीजा नहीं निकला है।
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दिल्ली में तीन कृषि कानूनों को अपना समर्थन देने के लिए उत्तराखंड के किसानों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की। कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे भी उपस्थित थे। इस्तीफा देने वाले पंजाब के डीआइजी (जेल) लखमिंदर सिंह जाखड़ ने कहा कि किसान लंबे समय से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, किसी ने उनकी समस्याओं को नहीं सुना। मैं एक अनुशासित बल से हूं और नियमों के अनुसार, मैं ड्यूटी पर होने पर विरोध का समर्थन नहीं कर सकता।