उत्तराखंड में ऋषिकेश एम्स परिसर में बृहस्पतिवार दोपहर आग लगने से हड़कंप मच गया। फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी ने वक्त रहते आग को बुझा दिया, जिससे बड़ी घटना टल गई। घटना बृहस्पतिवार दोपहर करीब ढाई बजे की है।
एम्स ऋषिकेश के ओंकोलॉजी विभाग के बंकर के बाहर खुले में रखे हुए गत्ता व अन्य कागजी पैकिंग मटेरियल के कचरे में अचानक आग लग गई। बाहर टहल रहे मरीजों और तीमारदारों में हड़कंप मच गया। इस दौरान एम्स संस्थान के अग्निशमन दस्ते ने आग बुझाने का प्रयास किया। लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। इस बीच किसी ने कुंभ मेला के तहत भरत विहार में बनाए गए फायर स्टेशन को सूचना दी।
फायर स्टेशन से तुरंत एक गाड़ी मौके पर पहुंची और उसने आग पर काबू पाया। इस बीच वहां रखा कबाड़ पूरी तरह जल चुका था। एम्स के वरिष्ठ जन संपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने बताया कि घटना में जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। खुले मैदान में रखे कागज, गत्ते के कबाड़ में आग लग गई थी। घटना के कारणों का पता लगाया जा रहा है। अग्निशमन दल में स्टेशन ऑफिसर मिनदर पास सिंह, राजेश कुमार, मोहम्द रिजवान, विनोद शर्मा, सुरेश कौल, दीपक सेमवाल आदि शामिल थे।
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बता दें कि एक अप्रैल से महाकुंभ का आगाज हो गया है। मेला प्रशासन क्षेत्र में व्यवस्थाएं चाकचौबंद करने की जद्दोजहद कर रहा है। लेकिन शासन-प्रशासन, ऋषिकेश के फायर स्टेशन की सुध लेना भूल गया है।
आलम यह है कि इस फायर स्टेशन में मात्र पांच फायर जवान ही तैनात हैं। तीर्थनगरी में आग की घटना से निजात देने के लिए तहसील परिसर के समीप फायर स्टेशन हैं। इस स्टेशन में करीब 26 फायर जवानों की आवश्यकता है। लेकिन बीते एक वर्ष से इस स्टेशन में मात्र नौ फायर जवान ही तैनात हैं।
लेकिन उनमें से तीन जवानों की महाकुंभ हरिद्वार में ड्यूटी लग गई है। एक जवान अस्वस्थ्य चल रहा है। शेष पांच जवानों के भरोसे तीर्थनगरी की सुरक्षा व्यवस्था की कमान सौंपी हुई है।
ऋषिकेश के फायर स्टेशन अधिकारी बीरबल सिंह ने बताया कि उनकी ड्यूटी भी महाकुंभ हरिद्वार में लगी हुई है। फायर स्टेशन में जो पांच जवान तैनात हैं, उन्हें ही 24 घंटे की ड्यूटी करनी पड़ रही है।