उत्तराखंड के चमोली जिले में रैणी तपोवन की 7 फरवरी को आयी आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित करने के लिए प्रक्रिया जारी की गई है। डीएम चमोली स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि शासन से जारी गाइडलाइन के अनुसार लापता लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र हेतु प्रक्रिया निर्धारण के लिए उन्हें तीन श्रेणियों में बांटा गया है।
पहली श्रेणी में आपदा प्रभावित स्थानों के स्थायी निवासी व आपदा प्रभावित स्थान के निकटवर्ती स्थानों के स्थाई निवासी, जो आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थानों में निवासरत थे। दूसरी श्रेणी में उत्तराखंड के अन्य जिलों के निवासी व तीसरी श्रेणी में अन्य राज्यों के पर्यटक, व्यक्ति जो आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थानों पर तैनात और मौजूद थे।
आपदा प्रभावित स्थानों और निकटवर्ती स्थानों के स्थायी निवासी के लापता व्यक्तियों को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया तय की गई है। लापता व्यक्ति के निकट संबधी या उत्तराधिकारी द्वारा व्यक्ति के लापता होने एवं मृत्यु के संबध में नोटेराईज शपथ-पत्र के साथ निवास के स्थान पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के साथ लापता व्यक्ति के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी।
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यह रिपोर्ट जहॉ से व्यक्ति लापता हुआ है संबधित पुलिस स्टेशन को भेजेंगे। एफआईआर व पुलिस की रिपोर्ट सहित लापता व्यक्ति के परिचय साक्ष्य के रूप में राशन कार्ड, परिवार रजिस्टर व बैंक पासबुक आदि की प्रति के साथ आपदा प्रभावित क्षेत्र के अभिहित अधिकारी (परगना अधिकारी/एसडीएम) को भेजी जाएगी। अभिहित अधिकारी लापता व्यक्ति के संबध में विस्तृत जांच करने के बाद मृत्यु की अस्थाई उपधारणा हेतु सकारण आदेश निर्गत करेगा।
रैणी तपोवन इलाके में 7 फरवरी को आयी आपदा में मारे गये लोगों में मिले 40 शवों की पहचान हो गई है। जिला अधिकारी स्वाति भदौरिया ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में लापता व्यक्तियों की खोजबीन लगातार जारी है। आपदा में लापता 206 लोगों में से अब तक 70 लोगों के शव और 29 मानव अंग बरामद किए जा चुके हैं तथा 134 अभी लापता चल रहे है।