भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर में कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने बुधवार को जैन पब्लिक स्कूल में बच्चों का टीकाकरण करने के लिए नर्सिंग के छात्र को अकेले भेज दिया। उसने एक ही सिरिंज ( syringe) से चालीस बच्चों को वैक्सीन (Vaccine) लगा दी। पेरेंट्स ने हंगामा किया तो छात्र बोला- अफसरों ने एक ही सिरिंज देकर कहा था कि इसी से सभी बच्चों को वैक्सीन लगाना है।
स्वास्थ्य विभाग ने जितेंद्र अहिरवार के खिलाफ FIR दर्ज कराई है और जिला टीकाकरण अधिकारी एसआर रोशन के खिलाफ विभागीय जांच के लिए प्रशासन को पत्र लिखा है। CMHO डॉ. डीके गोस्वामी का कहना है कि तीन टीमों को बच्चों के घर भेजकर ब्लड सैंपल मंगाए जा रहे हैं, जिनकी जिला अस्पताल की पैथोलॉजी लैब से जांच कराई जाएगी।
NHM संचालक (भोपाल) डॉ. संतोष शुक्ला ने बताया कि मामले की जांच के लिए राज्य स्तरीय तीन सदस्यीय दल गठित किया गया है। टीम में राज्य AEFI सलाहकार डॉ. रवींद्र बबेले, राज्य RIMNE सलाहकार डॉ. रामकुमार राय और राज्य प्रशिक्षण समन्वयक सूर्यप्रकाश दीक्षित को शामिल किया गया है। टीम गुरुवार को सागर पहुंच रही है।
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जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. एसआर रोशन का कहना है कि टीमों को जितनी वैक्सीन दी, उस हिसाब से सिरिंज दी थी। हो सकता है छात्र ने गिरा दी हों। अगर ऐसा हुआ तो उसे मुझे फोन करके बताना चाहिए था।
एक सिरिंज, एक ही मरीज के लिए इस्तेमाल की जानी चाहिए। अगर एक सिरिंज एक से अधिक लोगों पर यूज की गई है, तो संक्रामक रोग फैलने का खतरा बढ़ जाता है। कोई HIV या फिर हेपेटाइटिस बी जैसी बीमारी से ग्रसित हुआ और उसे लगाई गई सुई का किसी दूसरे मरीज पर यूज किया गया तो वह भी संक्रमित हो सकता है।