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आज से शुरू होगा वैशाख माह, जानें इसका महत्व और इससे जुड़ी मान्यताएं

Vaishakh Purnima

Vaishakh Purnima

हिंदू कैलंडर के दूसरे महीने वैशाख (Vaishakh Month) को शुभ माना जाता है, जिसमें शुभ कार्यों के लिए कई शुभ मुहूर्त मिलते हैं। अक्षय तृतीया का पर्व भी इसी महीने में आता है जिसे बेहद शुभ दिन माना गया है। इस दिन बिना मुहूर्त देखे कोई भी शुभ काम किया जा सकता है। वैशाख महीना चैत्र माह के बाद आता है। आइए आपको बताते हैं कि वैशाख माह कब से कब तक चलेगा और इसका महत्व क्या बै।

वैशाख मास (Vaishakh Month) आज से शुरू

चैत्र पूर्णिमा के अगले दिन से ही वैशाख महीने की शुरुआत हो जाती है, जो वैशाख पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है। इस साल 2025 में वैशाख मास कल यानी 13 अप्रैल 2025 से शुरू होगा, जिसकी समाप्ति 12 मई 2025 को होगी।

इस माह को वैशाख (Vaishakh) क्यों कहा जाता है?

ज्योतिष के अनुसार, हिंदू महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित होते हैं और महीनों का बदलाव चंद्र चक्र पर निर्भर करता है यानी चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है उस महीने का नाम भी उसी नक्षत्र के आधार पर रखा जाता है। इस प्रकार वैशाख पूर्णिमा को चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में रहते हैं, इसलिए इस महीने को वैशाख कहा जाता है।

वैशाख मास (Vaishakh Month) का महत्व

– वैशाख मास (Vaishakh Month) में भगवान विष्णु की उपासना करने का विशेष महत्व माना जाता है।
– वैशाख मास में अक्षय तृतीया पर भगवान विष्णु ने नर-नारायण, नृसिंह, ह्ययग्रीव और परशुराम जैसे कई अवतार लिए थे।
– ऐसा माना जाता है कि वैशाख शुक्ल पक्ष की नवमी को देवी लक्ष्मी माता सीता के रूप में पृथ्वी से प्रकट हुई थीं।
– पुराणों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि त्रेता युग का आरंभ वैशाख माह से ही हुआ था।

वैशाख माह (Vaishakh Month) में क्यों खुलते हैं देव मंदिरों के कपाट?

वैशाख माह की पवित्रता और दिव्यता के कारण ही वैशाख माह में कई देव मंदिरों के कपाट खोले जाते हैं और कई महोत्सवों का आयोजन किया जाता है। हिंदू धर्म के प्रमुख चार धाम में से एक बद्रीनाथ धाम के कपाट भी वैशाख माह की अक्षय तृतीया के दिन खोले जाते हैं। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को तीर्थ धाम पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भी निकालने की परंपरा है। वैशाख कृष्ण पक्ष की अमावस्या को देव वृक्ष वट की पूजा करने की भी परंपरा माना गई है।

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